दिल्ली में गाजीपुर बार्डर पर 6 महीने से चल रहे कथित किसान आंदोलन के नाम पर मासूम किसानों को छला जा रहा है .ये बात पूरी तरह से साफ हो गई है . गाजीपुर बार्डर पर राकेश टिकैट किसानों के लिए हक की आवाज नहीं उठा रहे बल्कि किसानों के नाम पर अपनी सियासत चमका रहे हैं, दरअसल किसान आंदोलन तो बहाना है अब ये जगह टिकैट के जश्न का अड्डा बन गए हैं . हाल के दिनों में राकेश टिकैट तमाम कोविड नियमों को ताक पर रख कर इफ्तार पार्टी कर रहे थे वहीं अब राकेश टिकैत अपना जन्मदिन भी गाजीपुर बॉर्डर पर मना रहे हैं

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत शुक्रवार (जून 4, 2021) को अपने छोटे भाई राकेश टिकैत का जन्मदिन मनाने के लिए गाजीपुर बॉर्डर आ रहे हैं . इतना ही नहीं जन्मदिन धूमधाम से मनाने के लिए इसके लिए उन्होंने अपने ही घर पर 11 क्विंटल रसगुल्ले भी बनवाए हैं।

किसान आंदोलन को पिछले 26 मई को 6 महीने पूरे होने पर किसानों ने जगह-जगह काला दिवस मनाया था। अब बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत का यहां 54वां जन्मदिन मन रहा है। कोरोना के समय जब सरकार ने किसी भी तरह की भीड़ इकट्ठा करने पर रोक लगा रही है वहीं टिकैट के पूरे परिवार का यहां मजमा लगेगा.

जाहिर है किसान आंदोलन के 6 महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी किसान अब भी खाली हाथ हैं और आगे का किसान आंदोलन राजनीति के दलदल में आकर फंस गया है. किसानों के मंच पर अब सियासत का रंग चढ़ चुका है. इसका संकेत पहले ही राकेश टिकैट दे चुके हैं यूपी विधानसभा चुनाव से पहले किसान आंदोलन को 1 साल पूरा हो जाएगा। तब यह आंदोलन और भी उग्र हो जाएगा और पूरे देश में फैलेगा। साफ है सभी की निगाह उत्तर प्रदेश में 2022 के चुनावों पर लगी है।

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