परिचय – दिवाली का अर्थ है खुशी का त्योहार, दिवाली का अर्थ है प्रकाश की बौछार, दिवाली का अर्थ है पुराने का नवीनीकरण, दिवाली का अर्थ है विकारों का विनाश, दिवाली का अर्थ है सद्गुणों की वृद्धि। दिवाली पूरे भारत में बड़े स्तर पर मनाई जाती है। दिवाली के दौरान विभिन्न प्रकार की नई खरीदारी की जाती है और त्योहार का आनंद लिया जाता है। यह त्यौहार खुशी व्यक्त करने और बदलते परिवेश और परिस्थितियों का आनंद के साथ सामना करने की ताकत भी देता है। लेकिन यह सब करते समय सामाजिक चेतना को ध्यान में रखते हुए जिस देश में हम रहते हैं उस देश के विकास में योगदान देना हमारा सामाजिक कर्तव्य है। प्रस्तुत लेख में ‘हलाल मुक्त दिवाली’ मनाने के पीछे का कारण बताने का प्रयास किया गया है। लेख इसलिए उपलब्ध है ताकि पाठक इससे सीख सकें और निर्णय ले सकें कि यह सही है या गलत !

दिवाली की खरीदारी, रहें सतर्क – कई लोग साल में एक बार दिवाली के अवसर पर बड़ी मात्रा में नए कपड़े व विभिन्न वस्तुएं खरीदते हैं। दिवाली के अवसर पर दीवारों की पेंटिंग से लेकर घर खरीदने जैसी बड़ी कृति की जाती है । दिवाली के अवसर पर विभिन्न खाद्य पदार्थ, मिठाइयाँ, नए कपड़े, आभूषण, वाहन, घर, जमीन की खरीदारी, नया व्यवसाय शुरू करना आदि बड़े पैमाने पर हो रहे हैं। लेकिन इस समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम जाने-अनजाने देश के लिए हानिकारक कार्य न करें। स्पष्ट रूप से, दिवाली के लिए खरीदारी करते समय, हमें सावधान रहना चाहिए कि हम हलाल प्रमाणित या चीनी उत्पाद न खरीदें।

हलाल प्रमाणित व्यवसाय क्या है? – “इस्लाम के लिए स्वीकार्य” का अर्थ है ‘हलाल’। दुनिया में कई तरह के हलाल व्यवसाय हैं, चूंकि हलाल उत्पाद इस्लाम द्वारा स्वीकार किए जाते हैं, इसलिए मुस्लिम देशों में सरकार द्वारा हलाल प्रमाणीकरण जारी किया जाता है। लेकिन भारत में हलाल प्रमाणपत्र भारत सरकार द्वारा जारी नहीं किया जाता है बल्कि कुछ निजी प्रतिष्ठान और निजी संगठन प्रमाणपत्र जारी कर रहे हैं। आइए देखें कि हलाल प्रमाणित उत्पाद खरीदने में क्या जोखिम हैं। ऐसा खुलासा हुआ है कि सर्टिफिकेट के जरिए मिलने वाले फंड का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों और विध्वंसक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल संगठनों के लिए किया जा रहा है। इसलिए यदि हम हलाल प्रमाणित उत्पाद खरीदते हैं, तो हम अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए धन दे रहे हैं। इन उत्पादों को लेना आग में घी डालने जैसा होगा। तो आइए सुनिश्चित करें कि जो उत्पाद हम खरीदते हैं वे हलाल प्रमाणित न हों। कोई भी खरीदारी करते समय यह सुनिश्चित कर लें कि वह स्वदेशी ही हो। जिससे हमारे भाइयों को रोजगार मिले और हलाल प्रमाणित उत्पाद जैसे हानिकारक उत्पाद बंद हो जायें।

हलाल व्यवसाय का बढ़ता रौद्र रूप ! –  पहले हलाल की परिभाषा मांस तक ही सीमित थी। अब हलाल सर्टिफिकेशन केवल भोजन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि भूमि लेनदेन, भवन, निर्माण व्यवसाय, अस्पताल, रेस्तरां, सौंदर्य प्रसाधन, चिकित्सा जैसे कई अलग-अलग प्रकार की वस्तुओं में हलाल सर्टिफिकेशन शामिल हो गया है। अगर हम सतर्कता से खरीदारी नहीं करेंगे तो भारत में हलाल प्रमाणित अर्थव्यवस्था एक समानांतर अर्थव्यवस्था बन जाएगी। और उसके कारण राष्ट्र के अस्तित्व को ही खतरा हो सकता है। अत: इस बढ़ते हुए रौद्र रूप को मिटाना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है।

निवेदन ! – दुनिया में युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। यदि हम हर जगह युद्ध के कारणों पर नजर डालें तो आतंकवादी गतिविधियां ही इसका एक प्रमुख कारण हैं। हलाल प्रमाणित उत्पाद खरीदने का अर्थ तीसरे विश्व युद्ध में योगदान देना होगा। अतः अनुरोध है कि हलाल प्रमाणित उत्पाद न खरीदें।

देश की आंतरिक सुरक्षा हमारे हाथ में है ! – आनंदपूर्वक दिवाली मनाते समय हम अनजाने में गलत वस्तुएं खरीदकर दुख तो नहीं खरीद रहे हैं ! इसके लिए सावधानी से कार्य करना चाहिए। तो आइए हलाल-मुक्त दिवाली मनाने पर पूरा ध्यान दें। आइए जागते रहें और दूसरों को जागृत कर राष्ट्र की रक्षा में परोक्ष रूप से सहभागी बनें।

हमारे सैनिक भाई चौबीसों घंटे सीमा की रक्षा कर देश की रक्षा कर रहे हैं। साथ ही देश की आंतरिक सुरक्षा भी हमारे हाथ में है ! यह याद रखना चाहिए कि एक सजग नागरिक एक सैनिक भी होता है।

आइए प्रण लें। इस साल दीवाली को हलाल मुक्त बनाएंगे ।

श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

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