प्रस्तावना : भारत स्वाभाविक रूप से हिन्दू राष्ट्र है । परन्तु संवैधानिक रूप से भारत हिन्दू राष्ट्र बने, इस उद्देश्य से देश की राजधानी दिल्ली में 18 एवं 19 नवंबर को हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का आयोजन किया गया है । देश में सनातन धर्म को समाप्त करने की बाते हो रही है । ऐसे समय में हिन्दू और हिन्दू धर्म के विरूद्ध हो रहे षड्यंत्र का वैचारिक और वैधानिक मार्ग से संगठित प्रत्युत्तर देने के लिए यह अधिवेशन महत्त्वपूर्ण है ।

अपने देश में ही हिन्दू पर लग रहा लांच्छन ! : भारत में हिन्दू बहुसंख्यक है, परन्तु आज हिंदुओं की आस्था को बारंबार चोट पहुंचाई जा रही है । देश – विदेश से षड्यंत्रपूर्वक, सनातन धर्म, देवता, संस्कृति, साधु-संत और हिन्दुओं के आस्था केंद्र का अनादर चल रहा है । अभी देश में सनातन धर्म को कलंकित करने वाला नैरेटिव बनाने का प्रयास चल रहा है । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की मच्छर, डेंगू, कोरोना और मलेरिया से तुलना कर उसे खत्म करने की बात कही । दूसरी ओर द्रविड़ मुनेत्र कडगम (द्रमुक) के उप महासचिव और लोकसभा सदस्य ए. राजा ने सनातन धर्म की तुलना कुष्ठ रोग और एच. आई. वी. जैसी बीमारियों से की है। वामपंथी विचारधारा के लोग विविध माध्यमों से हिंदू धर्म और देवी देवताओं पर आलोचना कर के हिन्दुओं को भ्रमित कर रहे हैं । आज जागृत हिंदू जब इसका प्रतिकार करते है, तब ‘हेट स्पीच’ के नाम पर उनको चुप किया जा रहा है । इसके विपरीत ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाने वालों द्वारा हिंदू नेताओं की हत्याएं होने पर भी तथाकथित ‘प्रगतिशील’, ‘सेक्युलर’ अथवा ‘पीस’ वाले कुछ नहीं बोलते । फेसबुक, ट्विटर जैसे सामाजिक माध्यमों द्वारा हिंदुत्व का प्रसार दबाने का प्रयत्न हो रहा है । अन्य धर्मीय निरंतर हिन्दू धर्म पर आघात कर रहे हैं।

समस्याओं की चर्चा; समाधान कब ? : भारत में धर्मनिरपेक्षता के नाम से बहुसंख्य हिन्दुओं की उपेक्षा कर अन्य पंथियों का तुष्टिकरण किया जाता है । इसी कारण आज तक पूर्ण देश में प्रभावी रूप से गोरक्षा कानून, मंदिरों की सरकारीकरण से मुक्ति, लव जिहाद तथा धर्म परिवर्तन रोकने के लिए कानून नहीं बने है । देश में लव जिहाद, लैंड जिहाद जैसी घटनाएं लगातार बढ रही हैं । आज भारत के कई हिस्सों में ‘छोटे पाकिस्तान’ निर्माण हुए हैं । इसलिए सामाजिक जीवन अस्थिर हो गया है । कश्मीर फाइल्स, केरला स्टोरी जैसे फिल्मों ने हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों का सत्य समाज के सामने रखने का प्रयास किया । परन्तु अब तक हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों को विफल करने के सरकार के अक्षम होने के कारण हिन्दू राष्ट्र की स्थापना आवश्यक है । इस प्रकार की सभी समस्याओं से बचने का एकमात्र उपाय केवल ‘हिन्दू राष्ट्र’ ही है ।

हिन्दू राष्ट्र एकमात्र समाधान : सनातन धर्म और इसकी समृद्ध विरासत को नष्ट करने के लिए गत सहस्त्र वर्षों में अनेक प्रयत्न हुए । आज भारत में हिन्दू धर्म को किसी प्रकार का विशेष संरक्षण उपलब्ध नहीं है । यद्धपि भारत हिन्दुओं का प्राचीन काल से सब से बड़ा राष्ट्र है । फिर भी भारत को संविधान द्वारा धर्मनिरपेक्ष घोषित किया गया है, यह हिन्दू समाज पर बहुत बडा अन्याय है । हिन्दुओं पर होने वाले अन्याय के विरोध में लड़ने के लिए हिन्दुओं को प्रवृत्त करना, यही काल की आवश्यकता है । हिन्दुओं की प्रत्येक समस्या को सुलझाने के लिए सैंकडो वर्ष लगेंगे । इसलिए सभी समस्याओं का समाधान हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ही है ।

हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन की भूमिका : हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन द्वारा, हिन्दुओं पर आ रहे संकट और हिन्दू राष्ट्र निर्मिति से होने वाले लाभ, लोगों तक पहुंचाने के कारण गत 12 वर्षों में समाज में व्यापक जागृति हुई है । हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए समिति द्वारा 500 संगठनों को एकत्रित कर कार्य करना आरंभ किया है । 11 अखिल भारतीय तथा 13 राज्यों में 14 प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन किया गया । विगत 10 वर्ष में 400 विषयों पर 1688 राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किए गए । साथ ही कश्मीरी हिन्दुओं की रक्षा हेतु पूरे भारत में एक भारत अभियान, मंदिर संस्कृति रक्षा अभियान जैसे अभियान संयुक्त रूप से संचालित किए गए । यह संगठित रूप से किए गए कार्य का यह परिणाम है । दिल्ली में हो रहा अधिवेशन वर्तमान परिस्थितियों में अत्यंत महत्त्वपूर्ण है । वर्तमान समय के अनुसार चुनाव में हिंदुओं की क्या भूमिका हो ? सनातन धर्म विरोधी दुष्प्रचार को कैसे उत्तर दे ? लव जिहाद, लैंड जिहाद आदि समस्याओं का वैधानिक मार्ग से प्रतिकार कैसे करे आदि अनेक समसामयिक विषयों पर इस अधिवेशन में विमर्श होगा । जो भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की पहल को गतिमान करेगा ।

श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

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