महाप्रभु श्रीवल्लभाचार्यजी के जयंती पर्व के उपलक्ष्य में मथुरा के श्री यमुना जी के तट पर और श्री वल्लभाचार्य जी की बैठक के सानिध्य में यमुना संरक्षण अभियान किया गया। इस अभियान में धर्मप्रेमी, मथुरा वृन्दावन के भक्तगण, यात्री, संत महात्मा, युवा सभी उपस्थित थे। इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के सेवकों ने यमुना जी के रक्षा तथा पावित्र्य बनाए रखने हेतु श्री वल्लभाचार्य जी की बैठक में प्रार्थना की और यह अभियान कर कृतज्ञता अर्पण की। इस अभियान में कार्यकर्ताओं द्वारा यमुना संरक्षण के पोस्टर्स लेकर यमुना जी के तट पर खड़े होकर समाज को जागरूक किया गया ।
महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी ने पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण जी की भक्ति का प्रसार भारत भर में करके ‘पुष्टिमार्ग’ संप्रदाय की स्थापना की। सम्पूर्ण भारतवर्ष में महाप्रभुजी की कुल 84 बैठक है। बैठकें एक पवित्र स्थान हैं जहां श्रीमद वल्लभाचार्य महाप्रभु ने दिव्य आत्माओं को मुक्त करने या किसी विशिष्ट कार्य को निष्पादित करने के लिए भारत भर में अपने तीन तीर्थयात्राओं के दौरान कई दिनों, सप्ताह या महीनों तक आराम अथवा निवास किया था। यहीं पर श्री महाप्रभुजी ने संपूर्ण श्रीमद्भागवत का पाठ किया था। मथुरा के विश्रामघाट पर ही इनमे से एक बैठक स्थित है जहाँ पर इस मंगलपर्व को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनया गया ।
पुष्टिमार्ग में यमुना जी को श्रीकृष्ण जी की ठकुरानी कहा गया है। जिस पवित्र यमुना जी के तट पर यह पवित्र बैठक है, वहां श्री यमुना जी की स्थिति विकट है। श्रद्धालु और भक्तगण के लिए वहां पादत्राण निकालने की सुविधा नहीं है, कचरा डालने हेतु कूड़ेदान भी नहीं दिखाई देता। इस कारण सभी श्रद्धालु यमुनाजी के निकट ही कचरा डालते है। आज औद्योगिक प्रदूषण से भी यमुना जी को बचाना आवश्यक है। कंस का वध करने के बाद श्री कृष्ण जी ने जहाँ विश्राम किया था यह वही विश्राम घाट है। यमुना जी को बचाना अर्थात कृष्ण जी के लीला उनके अवतारी कार्य को बचाना है। इतना महान कार्य इस यमुना जी को बचाने के माध्यम से करना है। इस कार्य में सभी जुड़ें ऐसी विनती है।
इस बैठक के चतुर्वेदी ब्राह्मण जो वहां के पुरोहित भी है, उन्होंने इस अभियान में उत्स्फूर्तता से सहभाग लिया और कहा कि यह अभियान देख के उन्हें बहुत आनंद हुआ। वे अनेक वर्षो से यह कार्य कर रहे है और समिति के इस निस्वार्थ कार्य में उनका बहुत योगदान है और सहयोग है। आने वाले श्रद्धालु उनसे पूछते है कि आप यमुनाजी के लिए कुछ क्यों नहीं करते? अब समिति के साथ कार्य करेंगे तो जल्द ही श्री यमुनाजी के लिए अच्छा कार्य होगा।
उपस्थित लोगों ने समिति के कार्य को प्रशंसा की तथा कहा कि इस अभियान के अंतर्गत लोगों को आगे भी जागरूक करते रहेंगे। कुछ लोगों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यमुना जी को निर्मल करने के लिए सभी को सहयोग देना होगा, पहले नदियों में अधिक पानी था परन्तु अब नदियां सूख रही है तथा प्रदूषित हो गई है। जल और पर्यावरण हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हमें इनके संरक्षण के लिए सभी संभव प्रयास करने चाहिए।
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