कहते हैं लालच से कभी किसी का भला नही हुआ है। जिंदगी में जिसने भी लालच किया उसे हमेशा उसका फल भोगना पड़ता है । लेकिन लालच की ऐसी खौफनाक कहानी जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते, दरअसल उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में एक नाबालिग बच्ची को उसकी मां ने ही जिस्मफरोशी के धंधे में धेकलने की प्लानिंग की थी , जिसमें लड़की की बुआ दलाल की भूमिका निभा रही थी.
ये मामला 2016 का है . तकरीबन 5 साल तक मामला चला जिसके बाद 13 जुलाई को कोर्ट का फैसला आया आखिरकार नाबालिग बच्ची को बेचने के मामले में मां और बुआ सहित 4 दोषियों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई है। इन लोगों ने मिल कर 20 हजार रुपए में नाबालिग बच्ची का सौदा किया था, जिसके बाद उसे ले जाकर देह-व्यापार में धकेलने की साजिश रची जा रही थी। इस मामले में एक और दोषी था, जिसकी पहले ही मौत हो चुकी है, नाबालिग की मां विमला कार्की डीडीटाह की रहने वाली है, वहीं आरोपितों में शामिल मुंहबोली बुआ का नाम गंगा है। उत्तर प्रदेश के रहने वाले अकरम खान, जमील अहमद और तस्लीम को भी धर-दबोचा गया था। अकरम खान शादी के बहाने नाबालिग को उत्तर प्रदेश ले जाकर उसे वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेलने की तैयारी में लगा हुआ था। बता दें आपको अकरम खान पहले ही मर चुका है।
इसके अलावा सभी दोषियों पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं जमील अहमद और तसलीम खान पर अलग से सात-साल के कारावास और 15-15 हजार रुपए जुर्माने की सजा भी सुनाई गई है। पीड़िता हिन्दू समुदाय से आती है, जबकि उसकी शादी जबरन मुस्लिम परिवार में कराई जा रही थी।
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