पूरे 492 वर्ष बाद श्रीराम का आँगन दीपों से जगमग होगा। 492 वर्षों के बाद जिस दीपोत्सव ने दीपावली के उत्सव को जन्म दिया, उसी दीपोत्सव को एक बार फिर प्रभु श्रीराम के आंगन, यानि श्री राम जन्मभूमि परिसर में मनाया जाएगा। इस बार की दीपावली के शुभ अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये सुनिश्चित किया है कि अबकी दीपावली अयोध्या में सरयू नदी के तट पर ही नहीं, अपितु श्री रामजन्मभूमि परिसर में भी मनाई जाएगी।

ज़ी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, “इस बार 492 साल बाद पहली बार दिव्य दिवाली का आयोजन राम जन्मभूमि परिसर में होगा। इसके साथ ही अस्थाई मंदिर में रामलला का दरबार अनगिनत दीयों की रौशनी से जगमगाएगा। इससे पहले बहुत ही सीमित दायरे में परिसर में दिवाली मनाई जाती थी और सिर्फ पुजारी ही दीया जला पाते थे। दिवाली (Diwali) के मौके पर रामलला के अस्थाई मंदिर में विशेष पूजा अर्चना होगी। इस बार भी राम की पैड़ी में नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है और इसके लिए पूरे अयोध्या में 5 लाख 51 हजार दीये जलाए जाएंगे। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 13 नवंबर को अयोध्या में मौजूद रहेंगे”।

बता दें कि प्रभु श्रीराम की स्मृति में अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर का अस्तित्व हुआ करता था, जिसे मुगल आक्रांत मीर बाकी के नेतृत्व में 1528 में मुगल आत्ताइयों ने ध्वस्त कर दिया। 1992 में जब जन्मभूमि के स्थान पर बना विवादित ढांचा ध्वस्त हुआ, तो उसे पुनः प्राप्त करने हेतु एक लंबी, न्यायिक लड़ाई चली, और अंत में 9 नवंबर 2019 के ऐतिहासिक दिन सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से श्री रामजन्मभूमि परिसर को श्रद्धापूर्वक उनके भक्तों का प्रतिनिधित्व कर रहे श्री रामजन्मभूमि न्यास को सौंप दिया, और साथ ही मुसलमानों के लिए एक वैकल्पिक स्थान पर मस्जिद के निर्माण की भी व्यवस्था कराई।

इसी बीच 2018 से ही योगी आदित्यनाथ ने एक अनोखी परंपरा को पुनः प्रारंभ करते हुए दीपावली को एक सांस्कृतिक उत्सव में परिवर्तित किया, जहां सम्पूर्ण अयोध्या नगरी, विशेषकर सरयू नदी के निकट तट दीपों से जगमगा उठते। इतना ही नहीं, भारत के सांस्कृतिक संबंधों को पुनः जागृत करते हुए योगी सरकार ने अयोध्या में मनाए जा रहे दीपोत्सव में मुख्य अतिथि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन की पत्नी किम जोंग सूक को भी वर्ष 2018 आमंत्रित किया था, क्योंकि लोकरीति में प्रचलित है कि कोरिया के एक राजकुमार की अयोध्या की राजकुमारी से विवाह भी हुआ था।

अब दीपावली को एक नए स्तर पर ले जाते हुए उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण कार्य शुरू हो गया है और मंदिर करीब सवा तीन साल में बनकर तैयार हो जाएगा। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, ‘इस बार दीपावली रामलला परिसर में मनाई जाएगी, यह अद्वितीय और अद्भुत है। बहुत सी ऐसे घटनाएं हुईं, जिससे प्रभु श्रीराम रामलला को 28 वर्षों तक तिरपाल में रहना पड़ा। इस बार त्रेता युग में अयोध्या में जैसे दीपावली मनाई गई, उसकी झलक दिखाई देगी”।

सच कहें तो जो बलिदान श्री राम के अनन्य भक्तों ने दिया था, वह आज श्री रामजन्मभूमि परिसर के पुनर्निर्माण से सार्थक हो रहा है। चाहे श्रीराम के लिए गोली खाने वाले कोठारी बंधु हो, या फिर अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले अशोक सिंहल, हनुमान प्रसाद पोद्दार जैसे नेता हों, इनकी आत्माएँ इस मंगलमय दृश्य से अवश्य तृप्त होंगी।

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