2011 की जनसंख्या के अनुसार देश में लगभग 12 करोड़ लोग किसान बन्धु है और यदि 2020 की जनसंख्या से तुलना करें तो इस समय देश में किसान बंधुओ की संख्या 20 करोड़ के लगभग होगी।
अब उन 20 करोड़ किसानों में से मात्र 1 – 2 लाख किसान बन्धु यदि कृषि बिलों का विरोध कर रहे है तो यक़ीन मानिए ये वास्तव में कृषि बिलों का विरोध नही है अपितु ये तो देश में अराजकता का माहौल बनाने की विपक्ष द्वारा एक घटिया साजिश है, जो कि देश पहले भी शाहीन बाग में देख चुका है।

कल यानि 8 दिसंबर को भारत बंद की घोषणा विपक्षी दलों द्वारा की गई है तो एक बात आप सभी विपक्षी दल ध्यान से सुन लीजिए…
यदि आपके पास 2 लाख किसानों का भी समर्थन है तो मोदीजी के साथ 19 करोड़ 98 लाख किसानों का समर्थन है , साथ ही हर एक राष्ट्रवादी भारतीय का जो वास्तव में किसान हितैषी है और जिसे पता है कि नए कृषि कानून किसानों के हित और कल्याण के लिए है।

इसलिए यदि आपको लगता है कि कल भारत बन्द होगा तो ये गलतफहमी मन से निकाल दीजिए, कल सम्पूर्ण भारत खुला रहेगा और सारे कार्य सुचारू रूप से प्रारंभ रहेंगे,
हाँ लेकिन एक चीज़ है जो बन्द होगी वो है आपकी भारत में अशांति उत्पन्न करने की घटिया साजिश।।
जय हिंद ????

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