असम से लेकर उत्तर प्रदेश तक मदरसों को लेकर दोनों राज्यों की सरकारों ने सख्त रुख अपना लिया है. असम में एक के बाद एक सीएम हिमंता असम में आतंकी कनेक्शन के कारण हाल ही में 3 मदरसों पर बुलडोजर चलवा चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने साफ कर दिया कि कई मदरसे आतंक का हब हैं वहां पढ़ाई के बदले आतंकियों की ट्रेनिंग होती हैं। वहीं उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि मदरसों की आड़ में देश विरोधी गतिविधि करने वाले संस्थान तोड़े जाएंगे उन्होंने कहा, “अगर हमें कोई विशेष जानकारी मिलती है कि मदरसे की आड़ में भारत विरोधी गतिविधियों के लिए संस्थान का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो हम उन्हें तोड़ देंगे।”
Assam | We don't have any intention to go on demolishing Madrasas. Only intention to see that they're not used by jihadi elements. If we get specific inputs that institution is being used under guise of Madrasa for anti-India activities, we will raze them: CM Himanta Biswa Sarma pic.twitter.com/51wWK9odn5
— ANI (@ANI) September 1, 2022
वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में भी सीएम योगी की तरफ से मदरसों के सर्वे का आदेश दिया गया है जिसके तहत किन मदरसों को कहां से फंडिंग मिल रही है, मदरसों में पढ़ा रहे शिक्षक कौन हैं और वो क्या पढ़ा रहे हैं। मदरसों का सिलेबस क्या है, रिपोर्ट में ये जुटाया जाएगा।
लेकिन मदरसों पर कार्रवाई क्या शुरू हुई घड़ियाली आंसू बहाने वाले भी सामने आने लगे. यूपी में मदरसों के सर्वे के आदेश के बाद ही ओवैसी साहब उखड़े हुए हैं. AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए इसे मिनी-NRC करार दिया है। उन्होंने कहा”मदरसे अनुच्छेद 30 के अनुसार हैं तो उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्वेक्षण का आदेश क्यों दिया है? यह कोई सर्वेक्षण नहीं है बल्कि एक मिनी एनआरसी है। कुछ मदरसे उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के अधीन हैं। राज्य सरकार अनुच्छेद 30 के तहत हमारे अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। वे मुसलमानों को परेशान करना चाहते हैं।”
Hyderabad, Telangana | Madrassas are as per Article 30 then why UP govt has ordered the survey? It's not a survey but a mini-NRC.Some madrassas are under UP madrassa board. Govt can't interfere with our rights under Art 30. They want to harass Muslims:AIMIM chief Asaduddin Owaisi https://t.co/EDn9pnZWT4 pic.twitter.com/xs6U6otKfG
— ANI (@ANI) September 1, 2022
दरअसल मदरसों पर कार्रवाई को लेकर सियासी घमासान सीएम हिमंता के प्रदेश असम में भी मचा हुआ है. असम में मदरसों को बुलडोजर से गिराए जाने के बाद ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के चीफ़ बदरुद्दीन अजमल ने असम सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “मदरसों और मुस्लिमों पर हमले बढ़ने लगे हैं क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव के नज़दीक आ रहे हैं. मदरसे इसलिए तोड़े जा रहे हैं ताकि मुसलमान 2024 के चुनाव में डर कर बीजेपी को वोट दे दें.”
Assam | Attacks on Muslims, Madrasas have increased ahead of 2024 elections… BJP needs Muslims votes to retain power in 2024. Their attacks on Muslims are increasing, so scared Muslims would vote for them: Maulana Badruddin Ajmal, AIUDF President pic.twitter.com/nk5ezuMONl
— ANI (@ANI) September 1, 2022
वहीं मदरसों पर कार्रवाई को लेकर AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने तो आंसू की नदियां ही बहा दी है. उन्होंने बोंगाईगांव जिले के मदरसे को गिराने की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि “असम की हिमंता बिस्वा की सरकार एक के बाद एक मदरसों को बुलडोज़र से गिरा रहा है, उन हज़ारों बच्चों का क्या होगा जो यहां पढ़ाई करते थे? सब याद रखा जाएगा!!!”
असम की @himantabiswa सरकार एक के बाद एक मदरसों को बुलडोज़र से गिरा रहा है, उन हज़ारों बच्चों का क्या होगा जो यहां पढ़ाई करते थे?
सब याद रखा जाएगा!!! #StopBulldozingMadrasa pic.twitter.com/WEmQ3IoonC— Waris Pathan (@warispathan) August 31, 2022
मदरसों पर सियासी घमासान के बीच घड़ियाली आंसू निकालने वालों नेताओं से ये सवाल पूछना बनता है कि क्या इनमें से किसी ने भी अपने बच्चों को मदरसे में तालीम दिलवाई है? जवाब है नहीं . घड़ियाली आंसू बहाकर अपनी राजनीति करने वाले ज्यादातर नेताओं के बच्चे विदेश में जाकर पढ़ाई करते हैं ना कि मदरसा में!
देखा जाए तो हाल के दिनों में अलग-अलग राज्यों में मदरसों को आतंकियों के ट्रेनिंग हब के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. इन मदरसों में तालीम के बजाय आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही है. जो मौलवी मदरसों में बच्चों को तालीम दे रहा है उसका कनेक्शन किसी न किसी आतंवादी संगठन से जुड़े होने का खुलासा कई बार किया जा चुका है .
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