राजस्थान के मुख्यमंत्री, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी की पहली पसंद अशोक गहलोत जब भी मुंह खोलते हैं उनकी जुबान से जहर ही निकलता है. अशोक गहलोत को अपने कांग्रेस शासित प्रदेश में हो रहे दंगे, अपराध शायद दिखाई नहीं देते है. क्योंकि वे इस समय ‘बलात्कार’ जैसे शब्द पर गहन-चिंतन कर रहे हैं!

दरअसल अशोक गहलोत ने एक बार फिर अपने मुख्यमंत्री पद की गरिमा को तार-तार करते हुए रेप पीड़ित महिलाओं पर बड़ी ही शर्मनाक और आपत्तिजनक टिप्पणी की है. अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में महिलायें 56 प्रतिशत रेप के झूठे मामले दर्ज करवाती हैं .

सीएम गहलोत का ये बयान तब है जब राजस्थान में महिलाओं और युवतियों के साथ अपराधिक घटनाएं दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. NCRB के आंकड़ों के मुताबिक दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान देश में पहले नंबर पर है. लेकिन सीएम साहब का कहना है कि प्रदेश में बढ़ते दुष्कर्म और दलितों के साथ हो रहे अपराधों को लेकर हमने सभी मामले दर्ज करने के निर्देश दिए है, जिसके चलते अपराधों के रजिट्रेशन का आंकड़ा बढ़ा है. अब बताइए ये किसी से छिपा है क्या कि राजस्थान में हाल के दिनों में सांप्रदायिक दंगे हो या फिर ‘सर तन से जुदा’ गैंग ने कैसा आतंक मचा रखा है.

जब से गहलोत की कांग्रेस सरकार राजस्थान में आई है तब से राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध जैसे बलात्कार, यौन उत्पीड़न के मामलों ज्यादा बढ़ गए हैं. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बेतुकी बातें करने से फुर्सत मिले तब ना अपराध पर अंकुश लगाएं.

दरअसल जब किसी बीजेपी शासित प्रदेश में रेप की घटना होती है तो कांग्रेस की पीड़ा बलात्कार पीड़ितों के लिए जाग जाती है. रेप पीड़ीता का दर्द उनसे देखा नहीं जाता तभी तो कांग्रेस के बचे-खुटे नेता राहुल-प्रियंका के साथ सड़कों पर निकल पड़ते हैं. लेकिन अपने राज्य में जब किसी बेटी की आबरू लुटती है तब ये दर्द ये पीड़ा कहां चली जाती है?

बलात्कार पर अशोक गहलोत पहले ही संवेदनहीन बयान दे चुके हैं. जिसमें उन्होंने कहा था कि “बलात्कार के मामलों में रेपिस्ट को फांसी की सजा देना गलत है। क्योंकि फांसी की सजा के कारण ही देश में बलात्कार के मामले तेजी से बढ़ रहें हैं। गहलोत के बयान से साफ पता चलता है कि वो बलात्कार करने वालों को सजा तो दिलवाना चाहते हैं लेकिन उन्हें फांसी के फंदे पर चढ़ता हुआ नहीं देखना चाहते हैं . कहीं न कहीं वो बलात्कार के आरोपियों के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे थे.

कुल मिला कर देखा जाए तो अशोक गहलोत से राजस्थान संभल नहीं रहा है। हर दिन सियासी खींचतान तो मची ही है राज्य का क्राइम ग्राफ भी चढ़ता जा रहा है. इसी वजह से वास्तविक मुद्दों से भटकाव के लिए वे ऐसे शर्मनाक बयान दे रहे हैं. कारण जो भी हो लेकिन अशोक गहलोत के इस संवेदनहीन बयान की कोई माफी नहीं हो सकती.

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