प्रभु श्रीराम के मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है और इसके लिए आरएसएस एवं विहिप द्वारा सम्पूर्ण देश से निधि संग्रहण का अभियान भी बहुत ही कुशलता से संचालित किया जा रहा है।
देश के हर एक रामभक्त का गिलहरी सा योगदान इस मंदिर निर्माण के महायज्ञ में हो सके, इस हेतु ही संघ एवं विहिप ने ये अभियान प्रारम्भ किया है।

लेकिन ये सिर्फ एक मंदिर का निर्माण मात्र ही नही है…..
अपितु ये तो सैकड़ों वर्षों से दमित हिन्दू समाज का पुनर्जागरण हो रहा है,
अपितु ये तो सनातन संस्कृति को पुनः वैभव के पद पर प्रतिष्ठापित किया जा रहा है,
अपितु ये तो भारत को खोखली सेक्युलर नीति से बाहर निकालने का प्रयास है,
अपितु ये तो अधर्म पर धर्म की विजय का एक श्रेष्ठ उदाहरण है,
अपितु ये तो प्रभु श्रीराम की महिमा को प्रदर्शित करने वाला एक छोटा सा प्रयास है,
अपितु ये तो नए भारत की पहचान बनाई जा रही है,
अपितु ये तो भविष्य के हिन्दूराष्ट्र की नींव स्थापित की जा रही है।

तो इसे सिर्फ आप एक मंदिर का निर्माण मात्र मत समझिए बल्कि इसके माध्यम से वो महान कार्य भी संपन्न होंगे जो भारत को पुनः उसकी पहचान दिलाने और भारत को पुनः विश्वगुरू बनाने में महत्वपूर्ण सहायक होंगे।
भारत की जिस मूल पहचान को दबाने की, छुपाने की कोशिश पिछले कई सदियों से की जा रही थी, वो पहचान अब प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण के साथ थोड़ी बहुत तो दिखाई देने लगी है और यक़ीन मानिए आने वाले कुछ वर्षों में वो पूरी स्पष्टता के साथ, पूरी भव्यता के साथ सम्पूर्ण विश्व में पहचानी जाएगी।

09 नवम्बर 2019 एवं 05 अगस्त 2020 ये वो तिथियां है जिन पर हर एक हिन्दू गर्व और विजय महसूस करता है,
महसूस करता है 06 दिसंबर 1992 के त्याग और बलिदान के सुखद परिणाम को,
महसूस करता है 492 वर्षों की कठोर तपस्या से प्राप्त प्रभु श्रीराम के वरदान को,
महसूस करता है भारत की पुनः प्राप्त होने वाली मूल पहचान को।
इन दो तिथियों के अतिरिक्त अब आगे और भी अनेक तिथियां जुड़ने वाली है जो भारत की मूल पहचान को उत्तरोत्तर दृढ़ बनाती जाएंगी और एक तिथि वो भी आएगी जब भारत अपनी महान पहचान को एक बार पुनः प्राप्त कर लेगा।

भारत की वो महान पहचान होगी :- हिन्दूराष्ट्र भारत।
और….
उस महान पहचान का प्रतीक होगा :- प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर।।
जय जय श्रीराम
?????

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.