हालाँकि इस बात पर कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए की भाई मियाँ ने अपनी दीदी मियाँ की बात का समर्थन किया है और फिर क्यों न करें दीदी ख़वातीन मियाँ ने भी तो इत्ती दूर से , इत्ती मसहूर हूर होने के बाद भी अपनी खेती बाड़ी से समय निकाल कर इरफ़ान भाई के वतन के खेतों की चिंता में समर्थन वाला टूईट किया न , तो समर्थन का समर्थन तो बनता ही है न।
ख़वातीन मियाँ सिर्फ मियाँ होतीं तो भी इरफ़ान मियाँ को फ़तवागिरि के हिसाब से समर्थन देना तो बनता ही था मगर जब ख़वातीन खलीफा भी हों तो फिर तो ना नुकुर की कोई गुंजाइश ही नहीं बचती न। ख्वातीन खलीफा ,विदेशी मुलुक में रहते हुए भी अपने बिरादर लोगों के लिए कित्ता बड़ा दिल रखती हैं कि “बिल” के विरोध में , थोड़े बहुत करोड़ रूपए लेकर ट्वीट किये , तो क्या हुआ पैसे लेकर वो पहले से भी समाज के लिए बहुत कुछ करती रही हैं।
इस पर इरफ़ान मियाँ का कहना है कि , खाला खलीफा मियाँ के साथ तो उनका होना इस लिहाज़ से भी बनता है कि जैसे इरफ़ान तेज़ गति पसंद खिलाड़ी हैं वैसे ही दीदी मियाँ भी सब कुछ तेज़ तेज़ करने में ही यकीन रखती हैं।
इरफ़ान को पूरा विश्वास है कि जल्दी ही मियाँ खलीफा के साथ जल्दी ही सनी लियोनी जैसी सामाजिक कार्यकर्ता का भी समर्थन इस किसान आंदोलन को मिलेगा। और जिस तरह से क्रिकेट में ग्लैमर के लिए चीयर गर्ल्स को लाया गया है वैसे ही आंदोलन में ग्लैमर के मियाँ खलीफा , रेहाना , फलाना , ढिमकाना सबको साथ लाने से ये आंदोलन रंगारंग हो जाएगा।
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