ना भूलना है । ना क्षमा करना है । Never forgive . Never forget .
कल , 25 फ़रवरी , 2021 का दिन चित्तौड़ के अमर बलिदानी पूर्वजों की छाया में बिताया ।
25 फ़रवरी , 1568 के दिन अकबर हत्यारे ने 40,000 निरपराध हिन्दुओं को मार डाला था ।
चित्तौड़ में बसने वाली प्रत्येक स्त्री व बच्चे ने अग्नि में प्रवेश किया था तथा पुरुष जाकर लड़ मरे ।
कल उन्हीं पुण्यात्माओं का तर्पण कर यज्ञ किया ।
केवल इसी जौहर साके के कारण हम हिन्दू बचे ।
कल का अनुभव शब्दातीत है ।
प्रिय Narayan Upadhyay ji तथा पुष्कर जी का सदैव रृणी रहूँगा कि हमें हमारे पुरखों का स्मरण कराया तथा यह कार्यक्रम करने की प्रेरणा दी ।
ना भूलना है । ना क्षमा करना है ।
Never forgive . Never forget .
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