इंसान अपनी हैवानियत में इतना कट्टर , इतना ज्यादा कट्टर हो सकता है कि किसी को मस्जिद में जाकर अजान देते समय ही इसलिए उस व्यक्ति का गला रेत दे क्यूंकि उसके बदले में उसे अजान देनी है। उफ्फ ये हैवानियत , उफ्फ ये नृशंसता।
जैसा कि समाचार कतरन से स्पष्ट है कि गाँव में रहने वाले जलीस नामक व्यक्ति ने उस गाँव की स्थानीय मस्जिद में नमाज़ पढ़ रहे बुजुर्ग सगीर अहमद का गला काट कर उनकी ह्त्या सिर्फ इसलिए कर दी क्यूंकि उनकी जगह पर जलीस खुद अजान पढ़ना चाहता था। अफसोसनाक है ये निहायत ही खौफनाक भी और सोचने के लिए विवश करने वाला भी कि आखिर इंसान इतना हैवान क्यों होता जा रहा है ??
यदि ऐसी घटनाएं भी समाज को सोचने को विवश नहीं करतीं तो फिर बाकी सब कुछ बेमानी है। कोई भी इबादत के समय ,प्रार्थना के समय , कैसे किसी को मार सकता है यही वहशत है यही घृणित है यही अपराध है पूरी मानवता के विरूद्ध।
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