किसान नेता भानू प्रताप ने कांग्रेस पार्टी पर आंदोलन को फंडिंग करने का आरोप लगाया है। वहीं आज मिडिया से बातचीत के दौरान भानु प्रताप सिंह ने कहा है कि, केंद्र सरकार से जब किसानों की मीटिंग होती थी उसमें उन्हें जाने से राकेश टिकैत ने रोका था। किसान यूनियन भानु के अध्यक्ष ठाकुर भानू प्रताप ने जो खुलासा किया है वो चोंकाने वाला है। ठाकुर भानु के मुताबिक़ सिंघु बाॅर्डर से लेकर टिकरी हो या गाजीपुर बाॅर्डर पर आंदोलन के नाम पर भाड़े के ‘ आंदोलनजीवियों’ को कांग्रेस ने खरीदकर भेजा और किसानों के नाम पर राजनीति की गई। इसके साथ ही भानु प्रताप ने कहा है कि ’26 जनवरी की तारीख तक हम समझ नहीं पाए थे कि ये आंदोलन प्रायोजित है। फंडिंग देने वाले नेता सरकार के साथ किसी भी फैसले के पक्ष में नहीं थे। बातचीत से हमें दूर रखा गया था। इसके साथ भानु प्रताप ने कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाएं, उन्होंने कहा, ‘जब दूसरी पार्टी (BJP) कि सरकार बन गई है तब कांग्रेस किसानों को भड़का रही है। आपको बता दें, सवा तीन महीनों से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन हो रहा है। कई लोग जो इस आंदोलन में शामिल थे वो घर लौट रहे हैं लेकिन कुछ बड़े किसान नेता अभी केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने की मांग करते हुए दिल्ली से सटे बाॅर्डर पर बैठे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ किसान नेता राकेश टिकैत कई राज्यों में आंदोलन को तेज करने के लिए महापंचायत कर रहे हैं। टिकैत बंगाल भी गए थे जहां उन्होंने लोगों से बीजेपी के खिलाफ वोट देने की अपील की है। भानु प्रताप ने कहा है कि, वो (टिकैत) बंगाल चीन जापान जाय.. हम लड़ाई लड़ेंगे।
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