बिलासपुर (Bilaspur) . साधु संतों के देश में साधुओं की स्थिति इस तरह से होगी ये बात हिन्दू संगठनों को नागवार गुजरी और फिर उस बाबा को साथ लेकर आज प्रेस क्लब के माध्यम से प्रेस वार्ता के दौरान उस बाबा पर किये गए अत्याचार का खुलासा किया तथा न्याय दिलाने की बात की यदि बाबा को न्याय नही मिलता तो उस स्तिथि में हिन्दू संगठनों ने आंदोलन कर उन्हें न्याय दिलाने की भी बात कही.
ज्ञात हो कि बिलासपुर (Bilaspur) में हुई एक नागा साधु के साथ मारपीट और लूट से अंदाजा लगाया जा सकता है.. परित्राणाय साधुनाम वाक्य छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) पुलिस (Police) का आधार वाक्य है.. लेकिन आज के परिवेश में जिस तरह साधुओं के साथ छल कपट और लूटपाट की घटना हो रही है उससे सवालिया निशान खड़ा होना लाजमी है कि.. साधुओं के देश में आकर साधुओं के साथ यह क्या हो रहा है.. बीते दिन हुए मारपीट की घटना के बाद जहां एक ओर हिंदू संगठनों में व्यापक रोष देखा जा रहा है वहीं इस मामले के बाद बिलासपुर (Bilaspur) पुलिस (Police) की किरकिरी भी हर जगह हो रही है. कहा जाता है जात न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान.
हमारे देश भारत में साधुओं को सर्वोच्च स्थान दिया गया है ज्ञान और शांति के प्रतीक साधुओं को भी कई बार परीक्षाओं का सामना करना पड़ता है हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि एक बेगुनाह जूना अखाड़ा नागा साधु को भाषा का ज्ञान ना होने की वजह से छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की न्यायधानी बिलासपुर (Bilaspur) में तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है बात इतनी बिगड़ चुकी है कि हिंदू संगठनों के साथ मिलकर उन्हें आज प्रेस वार्ता करनी पड़ी.. दरअसल बात 22 मार्च की दरमियानी रात का है जब दक्षिण भारत के एक नागा साधु अपने गुरु भाई से मिलने बिलासपुर (Bilaspur) पहुंचे हुए थे और बिलासपुर (Bilaspur) पहुंचने के बाद जैसे ही नागा साधु बिलासपुर (Bilaspur) स्टेशन से बाहर निकले उनके साथ एक शर्मनाक घटना हुई जिसे कुछ असामाजिक तत्वों ने अंजाम दिया.
बाबा के बयान अनुसार दो युवकों ने उनका बैग लूट लिया जिसमे सवा लाख नगदी सहित उनकी आईडी और जरूरी कागजात भी थे, अपने गुरु भाई से मिलने पहुंचे नागा साधु को क्या पता था कि ऐसी घटना उनके साथ घटेगी लूटे- पिटे बाबा ने अब न्याय की आस में पुलिस (Police) की मदद ही एक उचित सहारा समझा और इस दरमियान भाषा का ज्ञान न होने की वजह से उनको खासी मुसीबतों का सामना भी करना पड़ा खैर फिर भी किसी तरह वो थाने पहुँच ही गए पर ये क्या वहाँ जो उन पर गुजरी वो सचमुच ही न्यायधानी के लिए बेहद शर्मनाक और निंदनीय घटना हुई साधु बाबा जब तोरवा थाने शिकायत करने पहुंचे, तो भाषा का ज्ञान ना हो पाने की वजह से उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा इतना ही नहीं पुलिस (Police) के कुछ जवानों ने उन्हें पागल समझ कर भगाया जब उन्होंने अपनी बात रखने की कोशिश की तो उन्हें जबरदस्ती पीट भी दिया गया.
ध्यान और तप की प्रतिमूर्ति नागा साधु से हुई अप्रिय घटना के बाद एक व्यक्ति ने उन्हें ऐसे भटकते देखा जिसके बाद उन्होंने भाषा के ज्ञाता के पास उस साधु को लेकर गया जिसके बाद वह नागा साधु अपने गुरु भाई से मिला हरिद्वार (Haridwar) कुंभ में नहाने जा रहे बेगुनाह साधु को क्या पता था कि दुनिया में ऐसे भी प्रजाति है जो मुर्दों में भी अपना फायदा खोजती हैं.
थोड़े से पैसों के लालच में एक साधु को प्रताडि़त कर लूट को अंजाम देना कितना नारकीय काम हो सकता है यह आसानी से समझा जा सकता है कि.. आखिर उस साधु ने किसी का क्या बिगाड़ा था.. जो उसे धर्म के रास्ते पर चलते चलते मीडिया (Media) और पुलिस (Police) का सहारा लेना पड़ सकता है. नागा साधु से मारपीट का मामला अब लगातार तूल पकड़ता जा रहा है शहर के हिंदू संगठनों ने इसका जमकर विरोध किया है इसके अलावा उन्होंने बिलासपुर (Bilaspur) आईजी के ऑफिस में पहुंच कर ज्ञापन और साधु पर हुए अत्याचार को लेकर पत्रकार वार्ता भी आयोजित की गई.
नागा साधु पर हुए अत्याचार पर पुलिस (Police) विभाग भी किसी प्रकार की जानकारी देने से लगातार बचते नजर आ रहे है,बहराल जो भी हो साल भर पहले भी देश में ऐसे हालात देखे जा चुके हैं जहां बेगुनाह सनातन धर्म साधुओं पर अत्याचार करते समाज के गंदगी से भरे हम लोग अपना असली चेहरा दिखाते हैं. लेकिन उम्मीद जताई जा रही है जिस तरह से आह हिंदू संगठनों का नागा साधु बाबा को जो साथ मिला उससे तो ये उम्मीद लगाई जा सकती है कि अब उन्हें इंसाफ मिलेगा.
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.