शांतिप्रिय समुदाय के खिलाफ अक्सर ये Trend चलता है कि इन्हें बहुसंख्यक आबादी अपने कोई काम न सौंपे…ताकि इनकी इनकम बन्द हो सके। गाहे बगाहे ये trend चस्पा होते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। मगर अक्सर ऐसी घटनाएं होती हैं जिससे इस सोच पर मोहर लगती है कि कट्टर सोच वालों से पर्याप्त दूरी बनाकर सावधान रहना चाहिए। लखनऊ के गोमतीनगर में गुलफाम बढ़ई ने डॉक्टर की पत्नी रुचि (38) की चाकू से ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर दी। बढ़ई ने घर में काम करने के दौरान रुचि से दुकान खोलने के लिए रुपए मांगे थे। मना करने से नाराज बढ़ई दोपहर में घर में घुसा और रुचि की बेटी वामिका के गले पर चाकू रखकर रुपए देने को कहने लगा। इस पर वह बेटी को बचाने के लिए बढ़ई गुलफाम से भिड़ गई।

अब यहां गौर करने लायक बात है कि डॉक्टर हर्ष ने घर का फर्नीचर बनवाने के लिए ठेकेदार कमरुद्दीन की मदद से गुलफाम को काम पर रखा था। ढाई महीने से गुलफाम और उसका साथी तलामुद्दीन घर पर काम कर रहे थे, दोनो को उनकी मेहनत का पर्याप्त पैसा भी मिल रहा था मगर फिर भी ऐसा जघन्य घटना को अंजाम दिया गया। बेशक पुलिस ने गुलफाम को गिरफ्तार कर लिया है मगर ये सवाल विचारणीय है कि हमेशा देख सम्हल कर ही किसी को अपने घर में काम देना चाहिए ताकि आप औऱ आपका परिवार दोनो सुरक्षित रह सकें।

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