खुद अपना सिर फोड़कर एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज कराया केस, एक वीडियो ने खोल दी शिकायतकर्ता की पोल
पुलिस ने केस दर्ज होने के बाद मामले की जांच शुरू की। जैसे ही एसडीपीओ खुद स्पॉट वेरिफिकेशन और जानकारी के लिए मौके पर पहुंचे तो एक पड़ोसी की ओर से घटना का वीडियो दिखाया गया। इस वीडियो ने विनोद रजक की ओर से लगाए आरोपों की कलई खोल कर रख दी।
अनुसूचित जाति और जनजाति पर होने वाले अत्याचार को रोकने के लिए एससी-एसटी एक्ट बना। लेकिन इस कानून का किस तरह से कोई गलत इस्तेमाल कर सकता है ये अररिया में हुई एक घटना से साफ हो जाता है। हालांकि, पुलिस की जांच और पड़ोसियों के बनाए गए वीडियो ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया। दरअसल, रानीगंज के प्रेमनगर साधु आश्रम वार्ड संख्या-8 में रहने वाले विनोद रजक ने एससी-एसटी थाने में 27 फरवरी को एक मामला दर्ज कराया था। बिनोद रजक ने चार लोगों के खिलाफ जान से मारने की नीयत से मारपीट, लूटपाट और सिर फोड़ देने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया।
स्पॉट वेरिफिकेशन में खुल गया पूरा मामला
पुलिस ने केस दर्ज होने के बाद मामले की जांच शुरू की। जैसे ही एसडीपीओ खुद स्पॉट वेरिफिकेशन और जानकारी के लिए मौके पर पहुंचे तो एक पड़ोसी की ओर से घटना का वीडियो दिखाया गया। इस वीडियो ने विनोद रजक की ओर से लगाए आरोपों की कलई खोल कर रख दी। वीडियो में स्पष्ट नजर आ रहा कि विनोद ने खुद से अपना सिर फोड़ा और उसके परिवार वालों ने आरोपियों के साथ मारपीट की घटना को भी अंजाम दिया।
क्या है प्राथमिकी
थाना में दर्ज प्राथमिकी में विनोद रजक ने आरोप लगाया कि 27 फरवरी की सुबह जब वे दरवाजे पर बैठे थे कि इसी दौरान दिलवर तिवारी, उषा देवी समेत चार लोग लाठी के साथ पहुंच कर गाली-गलौच करने लगे। गाली देने से मना करने पर दिलवर तिवारी ने उनके सिर पर जानलेवा प्रहार किया, जिससे उन्हें चोट आई। विनोद रजक ने शिकायत में उनकी पत्नी के साथ मारपीट और गलत नीयत से कपड़ा फाड़ने समेत कई आरोप लगाए। केस में आरोपियों पर दो हजार रुपये और गहना छीन लेने का भी आरोप लगाया गया। घर मे आग लगाकर पूरे परिवार को जिंदा जला देने की धमकी देने की बात कही गई।
वीडियो में क्या हुआ खुलासा
हालांकि, घटना का पड़ोसियों ने मोबाइल से वीडियो बनाया था। इस वीडियो में शिकायत दर्ज कराने वाले विनोद रजक के खुद गाली गलौच करने और दौड़ कर ईंट उठाकर अपने सिर पर मारने के विजुअल हैं। आरोपी की पत्नी भी उल्टे महिलाओं से उलझी हुई है और मारपीट कर रही है। सदर एसडीपीओ पुष्पेंद्र कुमार के केस की सच्चाई को लेकर स्पॉट वेरिफिकेशन के दौरान पड़ोसियों ने ये वीडियो दिखाया। जिसके बाद प्रार्थी का दांव उल्टा पड़ गया और केस की सच्चाई सामने आ गई।
सदर एसडीपीओ ने बताया फाल्स केस
मामले पर सदर एसडीपीओ पुष्पेन्द्र कुमार ने कहा कि केस पूरी तरह फाल्स है। सोशल मीडिया की जागरूकता के कारण निर्दोष की बेगुनाही सामने आई। वहीं मामले में केस दर्ज कराने वाले बिनोद रजक ने मामले का आपस में समझौता हो जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सात साल से उन्हें और उनके परिवार को आरोपियों की ओर से परेशान किया जाता रहा। आवेश में आकर उन्होंने ईट से अपना सिर फोड़ दिया।
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