कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद भी सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार 16 से 18 घंटे अभी भी काम कर रहे हैं। होम आइसोलेशन में रहकर पूरे सूबे में कोविड प्रबंधन का हर घंटे वे मॉनटरिंग कर रहे हैं. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने शनिवार को समाचार पत्रों के संपादकों के साथ ऑनलाइन बातचीत की जहां उन्होंने हर सवाल का जवाब दिया साथ ही उनके सुझावों पर अमल करने का आश्वासन भी दिया।
योगी आदित्यनाथ से जब पत्रकारों ने राज्य में ऑक्सीजन की किल्लत पर सवाल पूछा तो उन्होंने राज्य में मेडिकल ऑक्सीजन की किसी भी तरह की कमी से इनकार किया. उन्होंने दावा किया कि प्रदेश के किसी भी निजी या सरकारी कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.
‘समस्या कालाबाजारी की है’
उन्होंने कहा, ‘प्रदेश के किसी भी कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. बड़ी समस्या कालाबाजारी और जमाखोरी की है, जिससे सख्ती से निपटा जाएगा.’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कई संस्थानों के साथ मिलकर इस जीवन रक्षक गैस के संबंध में ऑडिट करेगी. CM ने कहा कि प्रत्येक संक्रमित रोगी को ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती है, इस बारे में हमें जागरूकता बढ़ाने में मीडिया सहयोग करे. उन्होंने बताया कि ‘हम आईआईटी कानपुर, आईआईएम लखनऊ और आईआईटी बीएचयू के साथ मिलकर ऑक्सीजन का एक ऑडिट करने जा रहे हैं ताकि इसकी उचित निगरानी हो सके.
संपादकों से बातचीत शुरू करने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामचरित मानस की चौपाई… धीरज धर्म मित्र अरु नारी। आपद काल परिखिअहिं चारी…से बात की शुरूआत करते हुए संदेश दिया कि यह भी तो एक आपदाकाल है, महामारी है। इसे सामान्य वायरल फीवर भर मान लेना भारी भूल होगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं खुद इसकी चपेट में हूं। 13 अप्रैल से ही आइसोलेशन में रहते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहा हूं।
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