कोरोना की लहर के खिलाफ पूरा देश इस समय एकजुट होकर मदद का हाथ पढ़ा रहा है मगर इस देश में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मुश्किलों के इस वक्त में भी नफरत की राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। नौकरी से निकाले गए विनोद कापड़ी, अजीत अंजुम और पार्किंग में पकड़ी गई साक्षी जोशी इस नफरती मुहिम में सर्वेसर्वा हैं। यह वह लोग हैं जो यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास के द्वारा मदद किए जाने को महिमामंडित कर रहे हैं तो दूसरी तरफ भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा की जा रही मदद को दरकिनार कर रहे हैं। यह वह लोग हैं जो इस समय बिना धर्म बिना जाति के मदद के लिए उठ रहे हाथों में भी भेदभाव की दरार पैदा कर रहे हैं। 


साक्षी जोशी, अजीत अंजुम और विनोद कापड़ी लगातार इस तरह के ट्वीट कर रहे हैं जिनके मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थकों को घेरने की कोशिश की जा रही और लिखा जा रहा है कि आप लोग मोदी का गुणगान करते हो मगर मदद कांग्रेसी श्रीनिवास से मांग रहे हो।

क्या आखिर इन गिद्ध मानसिकता के लोगों में इतनी भी नैतिकता नहीं बची है कि मृत्यु कोई कांग्रेस कोई वामपंथ और कोई भाजपा नहीं देखती है।


आखिर इस समय जब बीजेपी के तेजिंदर बग्गा, कपिल मिश्रा, आम आदमी पार्टी के दिलीप पांडे ,कांग्रेस के श्रीनिवास सभी की मदद खुले दिल से कर रहे हैं तो ऐसे में लोगों के बीच भेदभाव करने वाले ट्वीट करने के पीछे इनकी क्या मानसिकता है । बेशक कोई मोदी का समर्थक है अगर वह मदद कांग्रेस, आम आदमी पार्टी वालों से मांग रहा है तो इस मुश्किल वक्त में सभी को एकजुट रहने की सीख देनी चाहिए । मगर विनोद कापरी साक्षी जोशी और अजीत अंजुम गिद्ध बनकर घूम रहे हैं और उन्हें लाशों की तस्वीर ट्वीट करने की जल्दबाजी है ताकि मोदी सरकार को घेरा जा सके।

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