कोरोना वायरस और ब्लैक फंगस के कहर के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर एक ऐसा फैसला लिया है जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे . केजरीवाल ने दिल्ली में शराब की होम डिलेवरी की अनुमति दे दी है, यानि दिल्ली सरकार ऑनलाइन वेब पोर्टल या ऐप के जरिए लोगों के घरों में देसी और विदेशी शराब पहुंचाएगी. लेकिन दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार अपने इन फैसलों के बीच उन फ्रंटलाइन वर्करों को भूलती जा रही है जिन्होंने 2020 के कोविड महामारी में फ्रंट पर काम करने के दौरान अपनी जान गंवा दी थी …उस दौरान केजरीवाल ने जान गंवाने वाले वॉरियर्स के परिवारों से बड़े-बड़े वादे किए थे। लेकिन उन वादों और दावों की हकीकत दिल्ली की जनता अब बखूबी समझने लगी है .
दिल्ली में शहीद हुए पुलिसकर्मी अमित राणा तो आपको याद ही होंगे उनकी विधवा को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को खत लिखना पड़ा है। अमित राणा की पत्नी ने 1 साल से दिल्ली सरकार के मुआवजे का इंतजार कर रही है. इस पत्र में उन्होंने अपने साथ हुए भेदभाव की वजह पूछी है. उन्होंने पत्र लिख कर सभी अधूरे वादों की तरफ केजरीवाल का ध्यान खींचा है . अमित कुमार राणा का निधन कोरोना की वजह से 5 मई 2020 को हुआ था। पुलिस बल में कोविड से होने वाली ये पहली मृत्यु थी। अब इस घटना को 1 साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन सीएम केजरीवाल को याद नहीं कि अमित राणा के परिवार को उन्हें 1 करोड़ का मुआवजा देना है देना है।
इधर केजरीवाल के इस फैसले की दिल्ली बीजेपी जमकर आलोचना कर रही है, केजरीवाल ने शराब की होम डिलवरी की अनुमति क्यों दी, इसे लेकर बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. प्रवेश वर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘’दिल्लीवालों के जीवन से खिलवाड़ करना अरविन्द केजरीवाल की आदत बन गयी है, जो प्राथमिकता थी हर घर दवाई , ऑक्सीजन पहुँचना वो किया नहीं, मगर शराब की होम डिलीवरी करवाकर, लोगों की ज़िंदगी की से खेल कर शराब माफ़ियाओं से करोड़ों की रिश्वत बटोरना चाहते है अरविन्द केजरीवाल।
इसी साल जनवरी में अमित राणा की विधवा पूजा ने बताया था कि अमित की फाइल को दिल्ली सरकार ने रिजेक्ट कर दिया है, क्योंकि यह उनके मापदंडों को पूरा नहीं करती जबकि उन्होंने सरकारी विभाग द्वारा माँगे गए सभी आवश्यक दस्तावेज जमा कर दिए थे, फिर भी उन्हें कहा गया कि अमित राणा कोविड ड्यूटी में तैनात नहीं थे।
केजरीवाल बार-बार कहते हैं कि उन्हें कोविड वॉरियर्स की मौत का दुख है और वे उन्हें आर्थिक सहायता मुहैया करवाएंगे। लेकिन केजरीवाल की कथनी और करनी क्या है ये अब किसी से छिपी नहीं है।
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