कांग्रेस पार्टी देश में जिस तरीके से सेकुलरिज्म के नाम पर वर्ग विशेष को खुश करने की राजनीति करती आई है अब उसी के प्रत्युत्तर में देश की जनता ऐसा जनादेश देती है कि देश में कांग्रेस का सफाया होता जा रहा है। कांग्रेस पार्टी वर्ग विशेष को खुश रखने के लिए अक्सर बहुसंख्यक जनता की भावनाओं की अनदेखी करती है, कांग्रेस की इसी राजनीति को जेपी आंदोलन से निकले नेताओं ने आगे बढ़ाया। देश की राजधानी में शासन कर रही आम आदमी पार्टी सरकार ने इस संबंध में चार कदम आगे बढ़कर राजनीति की और दिल्ली के मौलवियों मुफ्तियों को तनख्वाह देना शुरू कर दिया।
दिल्ली में आने वाले निगम चुनावों को देखते हुए अब कांग्रेस पार्टी ने अल्पसंख्यक वोटों के ध्रुवीकरण को हवा देने के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार से इमाम मुफ्ती की तनख्वाह बढ़ाकर 45 हजार करने की अपील की है। इमाम, मौलवी, मुफ्ती को तनखा सरकारी खजाने से दी जाती है और अब कांग्रेस पार्टी इस तनख्वाह को बढ़ाने की अपील कर रही है और फिर कहा जाता है कि नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ धर्म की राजनीति करते हैं।
आज दिल्ली कोंग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल केजरीवाल से मिलने गया था। इन लोगों ने मांग रखी कि दिल्ली के इमामों और मुआज़न्नो की सैलेरी को बढ़ाया जाए- इमामों को 45000 , मुआज़न्नो की तनख्वाह 30000 किया जाए !
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