एक तरफ देश में आयुर्वेद और एलोपैथ के बीच श्रेष्ठता को लेकर बहस जारी है. तो दूसरी तरफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ( IMA ) पर आरोपों की झड़ी भी लगती चली जा रही है, जी हां! अब IMA पर हिन्दू विरोधी होने के भी आरोप लगने लगे हैं, जो IMA बाबा रामदेव के एक बयान के खिलाफ मोर्चा खोल कर बैठ गया है, वही IMA अपने डॉक्टरों के साथ धर्म के नाम पर हो रहे भेदभाव पर खामोश है, ये भेदभाव कर रहे हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल।

दरअसल दिल्ली में IMA के पूर्व अध्यक्ष सहित तकरीबन 100 डॉक्टरों की अबतक कोरोना से मौत हो चुकी है, लेकिन केजरीवाल ने मात्र 1 मुस्लिम डॉक्टर अनस मुजाहिद के परिवार को ही 1करोड़ रुपये का चेक दिया है,

बाकि सभी डॉक्टरों को वे भूल गए, लेकिन लगता है IMA का ध्यान इस मुद्दे पर नहीं गया है या फिर वो देख कर भी चुप है , सवाल ये कि क्या बाकी के 99 डॉक्टर नहीं थे? बाकी के 99 डॉक्टरों के लिए IMA ने केजरीवाल सरकार से आर्थिक मदद की बात क्यों नहीं की . लेकिन IMA को तो प्राचीन काल से चली आ रही आयुर्वेद और बाबा रामदेव के खिलाफ जहर उगलना था. सवाल तो केजरीवाल से भी पूछना बनता है कि क्या बाकियों ने कोरोना के समय अपना कर्तव्य नहीं निभाया. उन्होंने कोरोना के मरीजों का इलाज नहीं किया , ये वो सवाल है जिनका जवाब केजरीवाल को देना होगा.

बता दें आपको IMA के मुताबिक़ दिल्ली उन राज्यों में है जहां कोरोना से सबसे ज़्यादा डॉक्टरों की मृत्यु हुई है लेकिन IMA ने किन डॉक्टरों के लिए आवाज उठाई, इसका जवाब IMA को देना चाहिए ।

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