अगर इतिहास के पन्नों में झांके तो भारत में 7वीं सदी के शुरूआत में मुस्लिम आक्रांताओं का आक्रमण शुरू हुआ था जिस दौरान उन्होंने सोने-चांदी की लूट के साथ ही 7वीं से लेकर 16वीं सदी तक लगातार हजारों हिन्दू, जैन और बौद्ध मंदिरों को तोड़ा था. आज एक बार फिर बेतिया में हुई घटना ने ये साबित कर दिया कि हिंदू और उनके देवी देवताओं से कट्टरपंथियों को आज भी नफरत है।आज भी हिंदूओं की आस्था पर वो समय-समय पर चोट पहुंचाते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बेतिया जिले के पवित्र रामजानकी मंदिर में मां सीता और प्रभु श्रीराम की मुर्तियां खंडित की गई जिसके बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौव पैदा हो गया. वहीं इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सड़क पर उतरकर आगजनी की.
घटना बेतिया नगर थाना क्षेत्र के बसवरिया धुनियाटोली मोहल्ले में हुई है. इस दौरान पुलिस ने लोगों ने शांति बनाए रखने की अपील की है. पुलिस ने लोगों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों ने कहा कि असामाजिक तत्व लगातार साम्प्रदायिक सौहार्द खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि राम जानकी मंदिर नशेड़ियों और जुआरियों का अड्डा बन गया है. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में मंदिर के पुजारी की लिखित शिकायत पर नगर थाना में अज्ञात उन्मादी तत्वों पर केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
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