वृन्दावन में 1985 तक कोई मुस्लिम नहीं था।आज वहाँ मुसलमानों की संख्या  90 हजार से ज्यादा हो गई हैं। कभी एक भी मस्जिद नहीं हुआ करती थी।वृन्दावन में आज 3-3 बड़ी मस्जिदें रोज सुबह शाम लोगों की नींद हराम कर रही हैं !बकरा ईद पर रिफ्यूजी शांतिदूतों ने पवित्र “वृन्दावन” को भी घेरा और ईद उल जुहा पर लगभग 600 से ज्यादा बकरे, भैंसे और अन्य जानवर काटकर वृन्दावन की नगरी को अपवित्र किया !


याद रहे 2009 तक वृन्दावन में मुसलमानों के सिर्फ गिनती के 4-5 परिवार हुआ करते थे ! और आज इनकी संख्या हजारों में पहुँच गई हैं ! ये भी एक तरह का रिफ्यूजी जिहाद हैं ! जिसके अंतर्गत जिस जगह इस्लाम नही होता, उस जगह पर इस्लाम बसाया जाता हैं !और आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि वृन्दावन में एक बाबुद्दीन नामक व्यक्ति के 21 लड़के और लड़कियां हैं ! इस्लाम का रिफ्यूजी जिहाद हर तरह से सहयोग कर रहा हैं वहाँ दिन दोगुणी रात चौगुणी रफ़्तार से बच्चों को पैदा किया जा रहा है !


ये मुसलमान वृन्दावन में रहने के लिए बड़ी कीमतों पर मकान ले रहे हैं ! और उस जगह मुस्लिमों को बुला रहे है ! थोड़े थोड़े अंतराल में अपने रिश्तेदारों को बुला लेते है ! और उन्हें भी वहीं बसा लेते हैं !ये मुसलमान वृन्दावन में हिन्दुओं का रोजगार भी छीन रहे है और वो दिन दूर नहीं जब वृन्दावन की गलियों में भी मीट बिकना शुरू हो जाएगा।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.