एक ऑनलाइन पोर्टल, उसमें किसी के शब्द मुस्लिम धर्म के लिए, और लोगों द्वारा शहर को जलाना| इस पूरी घटना को देखें तो दिखता है कि शब्दों से समुदाय आहत हुआ| पर लोगों ने प्रतिक्रया में क्या किया? शहर जलाना शुरू कर दिया| हो सकता है कि यही सिखाया जाता हो कि अगर कोई एक शब्द भी आपके धर्म के बारे में बोले तो आदमी कि जान लेना ज़रा भी गलत नहीं है| हो सकता है कि ऐसा भी सिखाया जाता हो कि शहर को जला दो जहाँ से ऐसे शब्द धर्म के विरुद्ध निकले हैं| कौन है यह कट्टर लोग, क्यों नहीं यह सीखते हैं अब्दुल कलाम से?
सनातन धर्म की आप बुराई करो उनके भगवान् के बारे में बोलो फिर भी सनातन धर्म को असहिष्णु दिखाकर वामपंथी विचारधारा के लोग विदेशों में जाकर बोलते हैं कि मैं यहाँ इसलिए आया हूँ क्यों की मैं बहुत डरा हुआ हूँ भारत में| मैं आपको ऐसे सैंकड़ों उदाहरण दे सकता हूँ जिसमे सनातन धर्म के बारे में क्या-क्या बुरा कहा गया और उसकी प्रतिक्रिया में यह नहीं हुआ की जाकर शहर जला दो| आज कल बहुत से नए लड़के हैं वो हिन्दू देवी देवताओं का मजाक कॉमेडी में करके अपने आपको बड़ा स्मार्ट समझते हैं जब कि उनके नाख़ून के बराबर भी हिम्मत नहीं होती है कि मुस्लिम धर्म के अल्लाह के बारे में एक शब्द कहें| जानते हैं अगर कुछ कहा तो सर काटकर लाने का फरमान हो जाएगा|
मैं ज्यादा पहले की ख़बरें नहीं बताता यह 12 अगस्त की खबर है,और इस पर गांव के सनातन धर्मियों ने क्या किया वो भी पढ़िए| फिर भी कहा जाता है की सनातन धर्म असहिष्णु है|
जन्माष्टमी के लिए गांव वालों ने मंगाई थी राधा-कृष्ण की मूर्ति, थानेदार ने नहर में फेंकवाया| आरोपी थानेदार को एसपी ने लाइन हाजिर किया, गांव वालों को कार्रवाई का आश्वासन
हिंदी फिल्म में बहुत जगह पंडित जी को एक कॉमेडियन की तरह दिखाया जाता है| जो पुजारी होते हैं उनको खलनायक की तरह दिखाया जाता है| PK फिल्म में मुंह से पान के लाल रंग को पत्थर पर लगाकर उसकी पूजा करते हुए दिखाया जाता है, और इन सबके दिखाने के बाद क्या कहीं किसी को जान से मार दिया जाता है| ऐसी घटना भी कही सुनने में नहीं आती है| फिल्म शोले में नायक नायिका को छेड़ता है वो भी शिव मंदिर में| शोले के डायरेक्टर को क्या और कोई जगह नहीं मिली| इसी सीन से प्रेरित होकर कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गाँधी भी मंदिर जाने वालों को लड़की छेड़ने वाला बताया|पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्मशताब्दी समारोह पर बोलते हुए राहुल ने मंदिर जाने वालों पर यह आरोप लगाया था। तालकटोरा मैदान में राहुल ने कहा था कि जो लोग मंदिर में देवी पूजा करने जाते हैं, वही लोग बसों में लड़कियों को छेड़ते हैं। फिर भी कहा जाता है सनातन धर्म असहिष्णु है|
दीवार फिल्म में नायक पूर्ण नास्तिक है लेकिन वो अपनी जेब में “786” नंबर का बिल्ला रखता है जो हमेशा उसकी जान बचाता है| मतलब यह पूरा दिखाने की कोशिश की सनातन धर्म में कुछ ऐसा नहीं है बल्कि इस्लाम धर्म “786” को मान्यता देता है और वही जान बचा सकता है तो वो सही है|शान फिल्म में साधू वेश में नायकों को दिखाया गया जो लोंगो का सामान लेकर भाग जाते हैं| वहीँ अब्दुल को सच्चा इंसान दिखाया गया जो जान तक दे देता है| फिल्मों में यह बहुत दिखाया जाता है की नायक और नायिका बहुत दुखी हैं और वो हिन्दू हैं तो उन्हें मजार और चर्च में जाते दिखाया जाता है क्या कभी ईसाई और मुस्लिम पात्र को दुखी होने पर मंदिर जाते हुए दिखाया जाता है|
जो पशु हमें और हमारे बच्चो को दूध देती है जिसके पतले दूध से हमारे बच्चों का हाजमा सही रहता है| जिस पशु के पालक और साथी सनातन धर्म के भगवान् श्री कृष्ण रहें हैं| जो सनातन धर्म उस पशु में भी अपनी माता को देखता है और उस माता के लिए अगर सनातन धर्मी आवाज उठायें तो सनातन धर्म असहिष्णु हो गया और उस गोवंश को बचाने के लिए अगर कोई सरकार कोई नियम लेकर आये तो वो सरकार सांप्रदायिक हो जाती है|फिर भी कहा जाता है की सनातन धर्म असहिष्णु है|
मकबूल फ़िदा हुसैन ने बड़ी अश्लील पेंटिंग्स बनाई हिन्दू देवी देवताओं की| उन्होंने मोहम्मद की क्यों नहीं बनाई| वो तो मुसलमान थे उन्हें तो मोहम्मद के बारे में सब कुछ पता था तब भी उन्होंने एक लाइन तक नहीं खींची मोहम्मद के रंग रूप के बारे में| फिर भी कहा जाता है की सनातन धर्म असहिष्णु है|
एक स्टैंडप कॉमेडी वाला कहता है कि “मैं मानता हूँ कि पहली प्लास्टिक सर्जरी अपने देश में हुई तो गणेश जी को देख कर ऐसा लगता है कि गांजा फूंककर करी है प्लास्टिक सर्जरी”| दूसरा कॉमेडियन फारुकी मुनव्वर कहता है कि “मेरा पिया घर आया ओ राम जी| Ram ji don’t fuck about your piya” | एक महिला कॉमेडियन कहती है कि “यह जो इस्कॉन वाले हैं अंदर से सब हरामी पोर्न वाले हैं”| ऐसी कॉमेडी करने के बाद क्या हुआ इन कमेडिअन्स का? कुछ ट्वीट्स करके सबने कुछ बुरा कह दिया| क्या सनातन धर्मियों ने शहर जलाया क्या?फिर भी कहा जाता है की सनातन धर्म असहिष्णु है|
मीडिया के वामपंथियों ने भी अपना काम बखूबी किया | हर हिन्दू त्यौहार से पहले इन्होने उस त्यौहार के खिलाफ जनमत तैयार करने की साजिशे शुरू कर दी हैं| इन्हें इस तरह तर्कपूर्ण ढंग से रखा जाता था की हिन्दू बच्चे भी इनके साथ मिलकर अपने धर्म और त्योहारों से कोसने से नहीं चूकते थे | जैसे दिवाली से पहले दिवाली से वायु प्रदुषण होता है मामला कोर्ट तक चला जाता है और सुप्रीम कोर्ट अपने निर्देश देता है| होली के पहले होली में पानी बर्बाद होता है समाज कल्याण वाले अपनी तख्ती लेकर विरोध करना शुरू कर देते हैं| शिवरात्रि के पहले शिवरात्रि में दूध बर्बाद होता है ऐसा चलाया जाता है| भुखमरी के आंकड़े बताने शुरू हो जाते हैं| जल्लीकट्टू के पहले जानवरों पर अत्याचार होता है ऐसा चलाया जाता है और पेटा वाले रोना शुरू कर देते हैं| करवाचौथ को महिलाओं के खिलाफ तक दिखाना शुरू कर दिया है कुछ महानुभावों ने| दिल्ली के कॉलेज में दुर्गा पूजा को दलित विरोधी बताया जाता है उनके अनुसार महिषासुर दलित था और दुर्गा माता ने दलित का वध किया| दशहरा के पहले राम को आर्यन बताकर तमिल (द्रविड़) रावण को मारा ऐसा चलाया जाता है| इतना सब विरोध सनातन धर्म के त्योहारों और देवी देवताओं के लिए होता रहता है फिर भी कहा जाता है की सनातन धर्म असहिष्णु है|
मुस्लिमों ने बहुत से मौकों पर कट्टरता दिखाते हुए लोगों को मारा और दंगे करे इसके बहुत उदाहरण हैं| 18 अक्टूबर 2019 को हिंदू महासभा के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की उनके आवास स्थित कार्यालय में बर्बरता से हत्या कर दी गई थी क्यों कि 2015 में पैगंबर मुहम्मद पर विवादित टिप्पणी कर दी थी। शार्ली ऐब्दो मैग्जीन के कार्यालय में वर्ष 2011 में गोलीबारी हुई और बम फेंके गए। फिर 7 जनवरी, 2015 को इसे दोबारा निशाना बनाया और अल्लाह हू अकबर कहते हुए 12 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया| ऐसा मुस्लिम कट्टरपंथियों ने इसलिए करा क्यों कि मैगज़ीन ने पैगंबर मुहम्मद का कार्टून छाप दिया था|
विश्व को पता है कि कौन सा समुदाय सहिष्णु है और कौन सा नहीं| सबके मस्तिष्क में कट्टरपंथी मुस्लिमों ने अपनी एक डर और कट्टरता की लकीर खींच रखी है| अपने समुदाय के प्रतीकों और भगवानो के अपमान पर उसका विरोध करने के लिए अलग-अलग देश में अलग-अलग कानून हैं उनका पालन करते हुए आपत्ति जतानी चाहिए| उसके विरोध में लोंगो को मार देना, दंगे कर देना, लोंगो को डराना यह उनके पवित्र ग्रन्थ में लिखा हुआ है इसमें संदेह है| लोंगो को अपने पवित्र पुस्तक के अर्थों को सही से समझने कि जरूरत है|
सनातन धर्म कभी भी असहिष्णु नहीं था, न है और न होगा| यह कुछ सालों पहले का धर्म नहीं, हज़ारों वर्ष पहले का धर्म है जिसके ग्रन्थ, उपनिषद्, वेद और पुराणों में मानव धर्म को सर्वोच्च बताया गया है और यही केवल एक ऐसा धर्म है जो सम्पूर्ण विश्व को साथ लेकर चलता है|
||वसुधैव कुटुम्बकम||
Reference:
https://jagohindustani.wordpress.com
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