कहते हैं कि पढने लिखने की कोई उम्र नहीं होती और फिर बन्दा राजनीति में हो तो फिर तो कहना ही क्या ,क्यूंकि राजनीति करने की भी कोई उम्र नहीं होती है | वो तो बुरा हो इस देश के कानून का जो देर सवेर उसका फंदा गले में पड़ ही जाता है , वरना ऐसे भी क्या बुरे दिन देखने पड़ते बिहार के दोनों यदुवंशी राजकुमारों को | अब कांग्रेस में भी तो एक बौड़म युवराज को उनकी राजमाता ने देश की छाती पर इतने दिनों तक लाद रखा ही है न ,क्या पता कब बिल्ली के भाग से छींका टूट ही जाए |
एक तरफ कोरोना का संकट ,ऊपर से बिहार की बाढ़ और ऐसे विकट समय में लालू यादव के जेल में होने के कारण बेचारे बच्चों पर कितना बड़ा संकट आ गया है | और इन सबमे आग में घी का काम करते मीडिया वाले | नौंवी फेल तेजस्वी यादव से कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति पर रोज बयान दिलवाना ,राहुल गाँधी द्वारा जीएसटी पर ज्ञान देने जितना ही साहसी कदम माना जा सकता है |
ये सब तो फिर भी जैसे तैसे चल ही रहा था मगर झारखंड के नए शिक्षा मंत्री ने जबसे ये फैसला किया है कि वे बरसों पहले छूट गई अपनी शिक्षा को पूरा करेंगे तबसे ही एक मोरल ऑब्लिगेशन के दबाव सा आ गया है तेजस्वी यादव पर | भईया तेज प्रताप तो पहले ही फैंसी ड्रेस युनिवर्सल आईकन बने हुए हैं , और चिलम गांजा के इनपुट के बाद वे आउट ऑफ़ द सिलेबस होकर आउट ऑफ़ द वर्ल्ड हो जाते हैं | ऐसे में सारा भार एक अकेले तेजस्वी जादब पर बाय डिफाल्ट ही आ गया |
पापा यादव अगर बाहर होते तो बात ही क्या थी जैसे दीदी मीसा ने मेडिकल टॉप करके ,एक से एक बड़े काण्ड (घोटाले ) करके पार्टी और परिवार की स्ट्रेटजी को कायम रखा | लेकिन अब तो वो ज़माना बीते भी बहुत समय हो गया | लेकिन कहते हैं न जहां चाह वहाँ राह | और फिर अगर पढने की ललक की जाग जाए तो उसे पढने से कौन भला रोक सकता है |
आखिरकार तेजस्वी यादव ने भी निर्णय ले ही लिया कि वे प्रोडिकल साईंस (जिस विषय में पिछले साल बिहार की एक छात्रा ने राज्य में टॉप किया था ) विषय के साथ , MBA करेंगे और इसके लिए वे राज्य सरकार और उसके किसी भी शिक्षण संस्थान पर निर्भर नहीं रहेंगे ,बल्कि सालों पहले उनके पप्पा द्वारा शुरू किये गए अंतर्राष्ट्रीय चरवाहा विद्यालय से ही ये डिग्री हासिल करके दुनिया को दिखा देंगे कि लालटेन अभी बुझी नहीं है | अब भी वो धुक धुक करके जल री है | ऊपर से तो ऐसा ही दिख रहा है हाँ अब लालटेन की आड़ में कुछ भी जल फुंक रहा हो तो अलग बात है |
एक बार डिग्री हाथ आ गई फिर क्या ?फिर तो वे भी रोज़ नए नए स्टाईल से थोबड़ा सेट करवाकर राहुल गांधी की तरह अपने रोचक मनोरंजक वीडीयोज़ से कहर बरपा देंगे जी कहर |
तो डोंट अंडर एस्टीमेट द पावर ऑफ़ नौंवी फेल तेजस्वी जादब
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