झारखंड में किस तरह से धर्मांतरण गैंग सक्रिय है ये किसी से छिपी नहीं है, इन लोगों के निशाने पर खासकर पिछड़े-आदिवासी इलाके में रहने वाले वैसे लोग शामिल हैं जो आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं. लेकिन सुकून की बात ये है कि अब लोगों को असलियत पता चलने लगी है और लोग दोबारा से हिंदू धर्म अपना रहे हैं
इसी कड़ी में झारखंड की राजधानी रांची में आठ लोगों ने ईसाई धर्म छोड़ घर वापसी की है। लापुंग प्रखंड के कंडरकेल गांव स्थित सरना स्थल में आदिवासी महासभा की ओर से आयोजित किए गए समारोह में ईसाई धर्म अपना चुके एक परिवार के आठ लोगों को सरना धर्म के अनुसार पूजा-अर्चना कराकर घर वापसी की गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंडरकेल डुमरटोली के रहने वाले चैतू उरांव, खुशबू उरांव, अभिषेक उरांव, सुषमा उरांव, संजोती उरांव, जगनी उरांव, अमित उरांव और आर्यन उरांव ने फिर से सरना धर्म अपनाया है।
सरना धर्म अपनाने वाले लोगों को आदिवासी महासभा की ओर से धोती और साड़ी देकर सम्मानित किया गया. सभी लोगों को धार्मिक तरीके से शपथ दिलाई गयी और सफेद मुर्गे की बलि देकर सभी रीति रिवाज धार्मिक अनुष्ठान किए गए, ताकि लोग ऐसी गलती दोबारा नहीं करें. हिंदू धर्म में वापसी किये लोगों के मुताबिक उनके परिवार में कुछ न कुछ परेशानी लगी रहती थी . इसी परेशानी से निकलने के लिए इन लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया था, लेकिन अब समझ आने के बाद हमने हअपने धर्म में वापस जाने की ठानी।
बता दें आपको छत्तीसगढ़, ओडिशा के साथ ही झारखंड के आदिवासी इलाकों में भी धर्मांतरण गैंग सक्रिय है. भोले-भाले लोगों को थोड़े से पैसों के लिए अपने चंगुल में फंसाकर ये लोग धर्मांतरण का खेल खुलेआम खेल रहे हैं।
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