हिन्दू , हिंदुत्व , सनातन को कोसना , गाली देना , अपमानित करना और अब कुक ह ओछे राजनेताओं द्वारा सनातन को असाध्य रोग सामान बताया जाना ये सब कुछ न पहली बार हुआ कर किया जा रहा है और न ही ये आख्रिरी बार होगा।  इससे पहले भी इस तरह की कई कुत्सित और एजेण्डेवादी प्रयास होते रहे हैं और सनातन और हिन्दू इष्टों तक को अपमानित लांछित किए जाने की कई घटनांए होती रही हैं।

सनातन को ख़त्म करने का ताज़ा ताज़ा ख्याली ख़्वाब देखने वाले इतिहास के सारे सबक भूल गए तभी ये नहीं समझ पाए की हज़ारों सालों से साक़ीदों , आताताईयों, आक्रांताओं , जिनका उद्देश्य भी एकमात्र यही था सनातन को ख़त्म करना और अपनी इस कोशिश में ये सभी समय की गर्त में चले गए और चिर शाश्वत सत्य सनातन हमेशा ही अक्षुण्ण बना रहा।

असल में सनातन पर प्रश्न खड़ा करने वाले सनातन की परम्पराओं मान्यताओं पर संदेह वाद विवाद उत्पन्न करने वालों का ज्ञान सनातन के विषय में बिलकुल शून्य है तभी वो ऐसे बचकाने बातें करके अपना मन बहलाते हैं।  सनातन को ख़त्म करने की बात कहने करने वालों को ये भी बताना चाहिए कि आखिर वे ऐसा क्या करेंगे कि सनातन सिरे से ही जड़ से ही ख़त्म हो जाएगा।

सनातन के लिए सृष्टि ही ईश्वर है और प्रकृति प्रदत्त सब कुछ आदरणीय , पूजनीय है।  सूर्य , चाँद , धरती , पहाड़ , जंगल ,  नदियां ,पशु पक्षी , पेड़ सब कुछ पूरा ब्रह्माण्ड के कण कण में जो भी मूर्त अमूर्त यहाँ तक की सजीव निर्जीव जो भी पूरी मानव जाती के कल्याणार्थ और प्राकृत है वो सम्पूर्ण सनातन है।  शिक्षा , संस्कार और यहाँ तक की व्यवहार में भी सनातन है।  

और कोई क्यों चाहता है सनातन का नाश , सनातन का उन्मूलन और क्या क्या ख़त्म करोगे भाई , सूर्य , चाँद ,धरती , पहाड़ नदी , तो इन सबको पूजते रहते हैं तो जब तक इस ब्रह्माण्ड में धरती है और रहेगी तब तक इस धरती को माँ कहने वाले सनातनी भी रहेंगे।  जब तक इस धरा पर गंगा और हिमालय हैं तब तक सनातन शाश्वत था और रहेगा बाकी दुनिया तो आनी जानी है

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