झारखंड के सिमडेगा जिले से एक ऐसी रोंगटे खड़े करने वाली खबर सामने आयी है जो न सिर्फ स्वस्थ समाज पर सवाल खड़े करती है बल्कि झारखंड सरकार की हिंदुओं के साथ भेदभाव वाली मानसिकता को भी दिखाती है. सिमडेगा जिले में गुस्साई भीड़ ने एक हिंदू युवक को जिंदा जलाकर मार डाला। मॉब लिंचिंग की ये दर्दनाक घटना 4 जनवरी को कोलेबिरा थाना के जनजातीय बहुल बेसराजारा गांव में घटी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मारा गया युवक संजू प्रधान इसी गांव का रहने वाला है। उन्मादी भीड़ ने पहले उसे तब तक पीटा जब तक वो अधमरा नहीं हो गया . फिर उसे उसकी मां और पत्नी के सामने जिंदा ही आग में फेंक दिया, वारदात को अंजाम देने वाले ग्रामीण इतने गुस्से में थे कि उन्होंने तकरीबन एक घंटे तक पुलिस वालों को गांव के अंदर घुसने नहीं दिया . बाद में जब तीन-चार थाना क्षेत्रों से फोर्स पहुंची, तब पुलिस घटनास्थल पर पहुंच सकी.
काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने फायर ब्रिगेड की मदद से आग बुझाकर युवक का अधजला शव बरामद किया, कोलेबिरा थाना प्रभारी ने बताया कि ये घटना उत्तेजित भीड़ की तरफ से अंजाम दी गई है.
स्थानीय लोगों की माने तो जंगल से पेड़ों की कटाई करने के कारण गांव के लोग संजू प्रधान से नाराज थे। उन्होंने उसे कई बार पेड़ों की कटाई करने से रोका था, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं था। उन्होंने इस बारे में वन विभाग से भी उसकी शिकायत की थी। इसके बावजूद जब संजू पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो मंगलवार को गांव वालों ने संजू को पकड़कर उसे आग के हवाले कर दिया।
इधर राज्य की हेमंत सोरेन की सरकार के लिए शायद ये घटना ‘मॉब लिचिंग’ नहीं है। शायद सरकार ऐसा मानती तो उनके परिवार वालों के लिए मुआवजे की घोषणा होती और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाता . लेकिन यहां तो मंत्री और नेता सब नदारद हैं . इस बीच आपको बता दें कि झारखंड विधानसभा ने बीते 21 दिसंबर को ही ध्वनि मत से मॉब लिचिंग कानून बनाया है। जिसके मुताबिक मॉब लिचिंग के दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी, लेकिन यह तब होगा जब आरोपियों पर इस कानून के तहत मामले दर्ज होंगे।
लेकिन यहां मरने वाला हिंदू है और मारने वाला मुसलमान इसलिए ये ‘मॉब लिचिंग’ नहीं है !
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