उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दोबारा सत्ता में आते ही मुगलों की निशानियों को हटाने का काम फिर शुरू हो गया है. इसी कड़ी में एक बार फिर यूपी के एक और शहर का नाम जल्द बदल सकता है. इस बार फर्रुखाबाद का नाम बदलने की मांग उठ रही है. फर्रुखाबाद से बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत ने फर्रुखाबाद का नाम बदलकर पांचालनगर करने की मांग की है. उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है. उन्होंने द्रौपदी के नाम पर जिले का नाम बदलकर पांचालनगर करने की मांग की है. साथ ही कहा कि फर्रुखाबाद का मौजूदा नाम मुगलकालीन है.
उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री आदरणीय श्री @myogiadityanath जी से मेरे संसदीय क्षेत्र पौराणिक नगर फर्रुखाबाद का नाम बदलने के लिए पत्र के माध्यम से निवेदन किया। @BJP4UP@blsanthosh @blsanthosh @BJP4India @myogioffice pic.twitter.com/7S2o8ndIwk
— Mukesh Rajput (@mukeshrajput_mp) April 1, 2022
दरअसल तीन नदियां गंगा, रामगंगा और काली नदी के बीच बसे फर्रुखाबाद का इतिहास प्राचीन काल से ही बेहद समृद्ध है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “फर्रुखाबाद का संबंध महाभारत काल से है। यहां राजा द्रुपद की राजधानी थी और इसे पांचाल क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। द्रौपदी का ‘स्वयंवर’ भी यहीं हुआ था, साथ ही पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान यहां पर एक मंदिर बनाया था और यह अब भी है। इसे पांचाल साम्राज्य की राजधानी के रूप में जाना जाता था। आज यहां पर दो प्रमुख रेजिमेंट हैं, राजपूत रेजिमेंट और सिखलाई रेजिमेंट।
कालांतर में बौद्ध और जैन धर्म का केंद्र भी रहा। जैन धर्म के प्रथम तीर्थकर श्रृषभ देव ने यहां अपना पहला उपदेश दिया था। सांसद ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि मुगल शासन फर्रुखशियर ने 1714 में भारत की पौराणिक संस्कृति को नष्ट करने के उद्देश्य से इस ऐतिहासिक नगर का नाम अपने नाम के आधार पर बदलकर फर्रुखाबाद कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक काशी की ही तरह यहां भी गली-गली में शिवालय होने के कारण इस नगर को अपराकाशी के नाम से भी जाना जाता है. कलयुग के हनुमान कहे जाने वाले बाबा नीमकरोरी महाराज जी की तपोस्थली भी इसी जनपद में है.
दरअसल यूपी में योगी सरकार के सत्ता में आते ही मुग़लों द्वारा रखे कई जगहों के नाम बदले गए. इससे पहले मुगलसराय, इलाहाबाद और अलीगढ़ जैसे तमाम जगहों के नामों को बदला जा चुका है .
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