मैंने कभी भी फिल्मों पर कुछ नहीं लिखा, क्योंकि इस विषयवस्तु में मेरी कभी भी गहरी रुचि नहीं थी। कुछ समय पहले मैंने ‘नीरजा’ नामक एक फिल्म देखी थी। इस नायिका प्रधान फिल्म में मैंने पहली बार महिला को एक मुख्य और सशक्त किरदार के रूप में पाया। एयर हिस्टेस(नीरजा भानोत) चाहती को खुद को आसानी से हाईजैकर्स से बचा सकती थी, परन्तु उन्होंने खुद की बलि देकर सैंकड़ों यात्रियों को बचाया। हमारे समाज और धर्म को सुरक्षित, सुदृढ़ और सशक्त बनाने के लिए ऐसे कई ‘किरदारों’ की ज़रूरत है। क्या आप अपने राष्ट्र, समाज और संस्कृति के लिए ऐसी ही एक भूमिका निभाना चाहेंगे?
लेखक की जानकारी
प्रांजल जोशी से उनके ईमेल pranjal280@gmail.com के माध्यम से सम्पर्क किया जा सकता है।
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