ख़बरों की रोडरेज़ , सबसे तेज़ से भी ज्यादा तेज़ : देखते रहिये प्याज तक , छील छील के सारा दिन
सबसे अधिक गौर करने वाली बात ये है कि जो मीडिया प्याज तक , महीनों तक शाहीन बाग़ में घुसने की हिम्मत नहीं दिखा सका वो हाथरस में दंड पेलने पहुँच गया |
सबसे अधिक गौर करने वाली बात ये है कि जो मीडिया प्याज तक , महीनों तक शाहीन बाग़ में घुसने की हिम्मत नहीं दिखा सका वो हाथरस में दंड पेलने पहुँच गया |
कांग्रेस की लुटिया डुबोने के लिए उनके पास अपना एक स्पेशल पर्सनल बौड़म भोंपू है तो प्याज तक के पास कैमरा है , माइक है और हैं ढेर सारे नए नए पैदा हुए पत्थर कंकर ओह मेरा मतलब ऐंकर |
आधे घंटे की खबर में डेढ़ घंटे तक अपने आपको दूसरों से तेज़ और उससे भी ज्यादा तेज़ बताने वाला ये चैनल खबरों के साथ खुद को भी छील छील के आज तक से प्याज तक कब बन गया इसका अंदाज़ा उसको तब हुआ जब लोगों ने पूछता है भारत को इनसे ज्यादा पूछना /देखना शुरू कर दिया |
ये खबर सामने आते ही बेचारे प्याज तक पर टीआरपी बढ़ाने की ऐसा दबाव बना कि वे शुद्ध रिपोर्टर से गिद्ध रिपोर्टर बा कर मौत के इर्द गिर्द मंडराने लगे , उन्हें नोचने खाने लगे | और इसके लिए “दूल्हे हम सजाते हैं , एक बार मिल तो लें ” की तर्ज़ पर ” ख़बरें हम बनाते हैं , एक बार मर तो लें ” वाले प्रोपेगेंडा पर चल निकले |
एक तो प्याज तक को ये ध्यान नहीं रहा कि समय सबका बदलता है और दूसरा ये कि अब जब भारत ही बदल रहा है ये नया हिन्दुस्तान है , उसके अपने तेवर हैं , उसका अपना गुस्सा है , और उसका अपना फैसला है | और ये सब प्याज तक के कुकर्मों और षड्यंत्रों का ही परिणाम है कि अर्श से फर्श पर पटकते देर नहीं लगी |
पिछले दिनों , देश समाज और राष्ट्र विरोधियों के साथ लगातार खड़ा दिखता ये चैनल , केंद्र की भाजपा सरकार के प्रति अपने पूर्वाग्रह को अपनी खबरों और प्रस्तुतियों में लगातार दिखाता रहा है | फिर चाहे वो केंद्र सरकार का कोई कानून हो या बहु संख्यक समाज के हित में आने वाला कोई फैसला |
कांग्रेस की सरपरस्ती के कारण इसकी दिशा और दशा ठीक वैसे ही भटकी हुई है जैसे खुद परम बौड़म युवराज की | तीन तलाक , धारा 370 , नागरिकता संशोधन कानून , से लेकर अब इस मौजूदा सत्र में लाए गए तमाम विधेयकों पर ये हमेशा अपने आकाओं की चरण वंदना करता दिख रहा है |
रही सही कसर पूरी हो गई सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत में इस सारे अपराध की जड़ में खड़ी आरोपी रिया बनर्जी का साक्षत्कार लेकर उसे निर्दोष साबित करने की घटिया कोशिश | उसे लोग भूले भी नहीं थे कि अब हाथरस प्रकरण में प्याज तक की सारे परतें छिल छिल कर छलक कर बाहर आ गईं |
सबसे अधिक गौर करने वाली बात ये है कि जो मीडिया प्याज तक , महीनों तक शाहीन बाग़ में घुसने की हिम्मत नहीं दिखा सका वो हाथरस में दंड पेलने पहुँच गया | और अब तो लोगों ने ट्विट्टर और फेसबुक ,व्हाट्सअप पर इस प्याज तक की टीआरपी में धनिया बो दिया है और यही हाल रहा तो पूरी चटनी भी बना देंगे |
तो बिलकुल मत देखिये ,
ख़बरों का रोडरेज
झूठ में सबसे तेज़
चैनल प्याज तक। ….छील छील के सारा दिन
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