हाल के दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों को दंगे की आग में झोंका जा रहा है . जिसे देखते हुए हर तरफ सुरक्षा वयवस्था और कड़ी की जा रही है. इसी के मद्देनजर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी चार धाम यात्रा को लेकर बड़ी घोषणा की है .

एक प्रेस क़ॉफ्रेंस कर उन्होंने कहा कि अब चारधाम यात्रा में सभी यात्रियों का वेरिफिकेशन होगा। उन्होंने कहा कि इस इलाके में आने वाले संदिग्धों पर पैनी नजर रखी जाएगी। साथ ही मिल रही शिकायतों के आधार पर सरकार जल्द ही इस क्षेत्र में बाहरी लोगों का और सत्यापन ड्राइव भी कराएगी। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने किसी भी धर्म विशेष का नाम नहीं लिया.

धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान यूपी, दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों से चारधाम के लिए आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों का भी वेरिफिकेशन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कहा कि प्रदेश में सुरक्षा के लिहाज से ठोस रणनीति बनाकर सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे। साथ ही प्रदेश की धार्मिक संस्कृति को बचाने के लिए सरकार हरंसभव कोशिश करेगी ।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक लंबे समय से चारधाम के तीर्थपुरोहितों की तरफ से ये मांग की जा रही है कि चारधाम में केवल हिंदुओं का ही प्रवेश हो। हरिद्वार की धर्म संसद में भी चार धाम यात्रा में केवल हिंदुओं के ही प्रवेश का मुद्दा उठा था। शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष और शाम्भवी धाम पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने भी उत्तराखंड सरकार से ये मांग की थी। जिसे लेकर उन्होंने सीएम धामी को पत्र भी लिखा था। उनका कहना था देवभूमि उत्तराखंड हिंदुओं की जन्मभूमि, कर्मभूमि और ऋषियों की तपस्थली है। देवभूमि की रक्षा करना उनका धर्म है इसलिए उनकी मांग है कि उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा के दौरान गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाए। गैर हिंदुओं के चिन्हीकरण के लिए सरकार, लाइसेंस और परिचय पत्र जारी करे।

उत्तराखंड में 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम की यात्रा शुरू हो जाएगी। 6 मई को बाबा केदारनाथ के कपाट खुलेंगे। इस बार बड़ी संख्या में यात्रियों के आने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही इस बार चारधाम की यात्रा करने के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। ये पहली बार है जब पर्यटन विभाग ने तीर्थ यात्रियों के पंजीकरण को जरूरी किया है।

 

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