टेस्‍ला और स्‍पेसएक्‍स कंपनी के मालिक और धरती के सबसे अमीर इंसान एलन मस्‍क ने माइक्रो ब्‍लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर को 44 अरब डॉलर देकर खरीद लिया है। इस बीच नीली च‍िड़‍िया पर एलन मस्‍क का कब्‍जा होते ही दुनियाभर में जहां नई आशंकाओं के बादल उमड़ने लगे हैं वहीं एलन मस्क के ट्विटर खरीदने से वामपंथी खेमे में भी गजब की खलबली मची हुई है .

दरअसल एलन मस्क के ट्विटर खरीदने के बाद से ही माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर ‘फ्री स्पीच’ को लेकर ‘उनका अगला एक्शन क्या होगा’ इस बात की चर्चा जोरों पर है . जैसे ही एलन मस्क ने नीली चिड़िया पर कब्जा किया, न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर के वामपंथियों के पेट में दर्द शुरू हो गया. क्योंकि बीते दो-तीन दिनों में एलन मस्क ने जो ट्वीट्स और रिप्लाई किये उसे देखने के बाद वामपंथियों को अपने ऊपर खतरा मंडराता नजर आ रहा है. क्योंकि, ट्विटर का मालिकाना हक एलन मस्क के पास आने से वामपंथियों को कंपनी की ओर से चलाया जाने वाला वामपंथ समर्थित एजेंडा खत्म होता नजर आने लगा है . हाल ही में एलन मस्क ने एक ट्वीट कर लिखा कि लोगों का भरोसा जीतने के लिए ट्विटर को राजनीतिक रूप से तटस्थ रहना होगा. जिसका सीधा सा मतलब है कि धुर-दक्षिणपंथी और धुर-वामपंथी बराबरी से परेशान होंगे. आसान शब्दों में कहा जाए,तो वामपंथियों का ‘सेफ हैवेन’ ट्विटर अब उन पर ही भरभरा कर गिरने की संभावना बन गई है.

एलन मस्क के ट्विटर खरीदने से वामपंथियों खेमे में किस कदर आग लगी है. इसका अंदाजा उनके ट्वीट देख कर आसानी समझा जा सकता है. दरअसल एक यूजर ने एलन मस्क से ट्विटर को राजनीतिक रूप से तटस्थ बनाए जाने की मांग की थी. यूजर ने लिखा कि ‘वॉशिंगटन पोस्ट और हर लेफ्ट विंग के ब्लू टिक की दोबारा से जांच होनी चाहिए. आप लोग अपना खेल बिगाड़ रहे हैं.’ जिस पर एलन मस्क ने साफ तौर पर लिखा है कि ‘हमले बड़े और तेज हो रहे हैं. खासतौर से लेफ्ट की ओर से, लेकिन ये कोई आश्चर्य की बात नहीं है. हालांकि, मुझे साफ कहना होगा कि राइट (दक्षिणपंथी) भी शायद थोड़ा नाखुश होंगे. मेरा लक्ष्य सभी लोगों की खुशियों को देखते हुए इसके क्षेत्र को अधिकतम बढ़ाना है. जिसका मतलब है कि 80 फीसदी लोग बीच में हैं.’

आसान शब्दों में कहा जाए, तो एलन मस्क ट्विटर को तटस्थ बनाए रखने पर जोर देने वाले हैं. जिससे साफ है कि ट्वीटर से वामपंथियों का दबदबा खत्म हो जाएगा. वैसे अगर एलन मस्क फ्री स्पीच के अपने इसी बात पर अडिग रहते हैं तो वामपंथियों पर गाज गिरनी तय मान लीजिए . इसमें कोई दो राय नहीं कि वामपंथियों ने सालों तक बिना किसी दिक्कत के ट्विटर की चाटुकारिता की है। अपनी इज्ज़त, अपनी आत्मा बेचकर इन्होंने भारत की संस्कृति, भारत की अस्मिता का ट्विटर पर मजाक बनाया । ऐसे में अगर कोई ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने की बात करेगा तो जाहिर है इन वामपंथियों की आत्मा जरुर तड़पेगी।

जब जैक डॉर्सी ट्विटर के सीईओ थे तो वामपंथी खेमे ने अपनी खूब मनमानी की . जैक डॉर्सी वामपंथी विचारधारा के समर्थक माने जाते हैं. उनपर ट्विटर पर ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के नाम पर वामपंथी विचारों को बढ़ावा देने के आरोप लगे. खैर, वामपंथियों के पेट में दर्द की असली वजह ये है कि एलन मस्क ट्वीटर के नियमों को कड़ा करने और प्रतिबंधों को घटाने की बात कर रहे हैं. और हां ये भी जान लीजिए कि एलन मस्क का विश्वास ट्विटर अकाउंट्स को बैन करने में नहीं है.

वामपंथियों को साफ दिख रहा है कि आने वाले दिनों में ट्विटर पर उन्हें परेशान किया जा सकता है. जो जगह अब तक उनके लिए एक ‘सेफ हैवेन’ बना हुआ था. दरअसल, एलन मस्क के ट्विटर को खरीदने से वामपंथियों का पूरा इकोसिस्टम हिल गया है.. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कुछ भी लिखने के पहले वामपंथी खेमा सौ दफे सोचेगा . अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर ही इन वामपंथियों ने भारत में देवी-देवताओं की नग्न तस्वीरों से लेकर किसान आंदोलन के दौरान चरमपंथियों के एजेंडे, कोरोना महामारी के समय किस तरह से अपना प्रोपगेंडा चलाते हुए भारत की  छवि खराब की थी ये बताने की जरुरत नहीं है  .

दरअसल हाल के दिनों में ट्वीटर ने गजब के खेल खेले. ट्विटर ने ब्लू टिक के लिए योग्य लोगों को वेरीफाइड बैज ब्लू टिक नहीं दिया  बल्कि ऐसे लोगों के बीच Blue Badge की बंदरबांट हो रही थी  जो कहीं से भी इसके लिए ग्य नहीं थे। मतलब साफ था जी हुजूरी करने वालों को ही Blue Tick मिलता था , वहीं अब ये वामपंथी खेमा अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर झूठा एजेंडा ट्वीटर पर नहीं फैला पाएगा, क्योंकि आ गया, आ गया, एलन मस्क आ गया…

 

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