देश की सत्ता में कांग्रेस ने जबतक राज किया तब तक कांग्रेस पार्टी तुष्टीकरण की राजनीति करती रही और हिंदुओं को उनके धर्म को दरकिनार किया जाता रहा. दशकों तक हिंदुओं के साथ उनके ही देश में भेदभाव किया गया. लेकिन 2014 के बाद से हिंदु विरोधी लोगों, देश में तुष्टीकरण करने वालों को देश की जनता ने मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया है. जिसका नतीजा है कि ऐसी पार्टियों का सफाया भी होता जा रहा है, वो किसी तरह से अपनी राजनीतिक विरासत बचा लें यही काफी है.
दरअसल हाल के दिनों में कांग्रेस शासित राजस्थान में जिस तरह से हिंदुओं के साथ हिंसा हो रही है, हमारे मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है उसकी वजह से अशोक गहलोत की सरकार की किरकिरि हो रही है. राजस्थान में अगले साल यानि 2023 में विधानसभा के चुनाव होने हैं. लेकिन राज्य में जिस तरह से कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनता जा रहा है उससे यही अंदाजा लगाया जा सकता है इस बार राज्य की सत्ता में आ पाना कांग्रेस के लिए इतना आसान नहीं है .
हाल के दिनों में घटी घटनाओं को लेकर हम ये अंदाजा नहीं लगा रहे हैं दरअसल कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने पहले ही सरेंडर कर दिया था कि हमें वोट मिलना मुश्किल है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में NSUI के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अशोक गहलोत ने कहा था, ‘राज्य में हिंदुत्व का माहौल बन रहा है. लोग हमें वोट नहीं देंगे. हम भी बुरी तरह से घबरा गए हैं.’ मतलब साफ है कि 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले ही वो सरेंडर कर चुके हैं. कांग्रेस पार्टी को ये मालूम है कि वो विधानसभा चुनावों में हार रही है. तो ऐसे में सवाल ये कि क्या सिर्फ हार की डर से राज्य को हिंसा की आग में झोका जा रहा है, क्या गहलोत सरकार इसीलिए प्रदेश में दंगे होने दे रही है ?
राजस्थान में 2019 से लेकर मई 2022 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 3 सालों में 6 सांप्रदायिक घटनाएं राज्य में घटी हैं-
8 अप्रैल 2019- टोंक
24 सितंबर 2020- डूंगरपुर
11 अप्रैल 2021- बारां
19 जुलाई 2021- झालावाड़
2 अप्रैल 2022- करौली
2 मई 2022- जोधपुर
एक तरफ जहां राज्य में एक के बाद एक दंगे हो रहे हैं और दूसरी तरफ कांग्रेस की सरकार अपनी पुलिस को दिल्ली में उन पत्रकारों को पकड़ने के लिए भेज रही है जिन्होंने दंगा प्रदेश बनते जा रहे राजस्थान के सच को दिखाने की कोशिश की, हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को दिखाने की कोशिश की .
दरअसल कांग्रेस की सरकार हिंदु विरोधी है इसमें कोई दो राय नहीं. वैसे भी कहते हैं ना प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरुरत नहीं पड़ती. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में होने वाला एक भी दंगा नहीं रोक पाए. राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद लगातार हिंदुओं की आस्था पर हमला किया है. हिंदुओं को मारा जा रहा है और आरोपी या तो खुलेआम घूम रहे हैं या फिर सरकार के ही मेहमान बनकर दावतें उड़ाते नजर आते हैं.
जाहिर है ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि CM गहलोत जी ने जो कहा है कि राज्य में हिंदुत्व का माहौल है और लोग उन्हें वोट नहीं देंगे तो ये सौ फीसदी सच है. मतलब यहां से भी कांग्रेस को धीरे-धीरे अपना बोरिया-बिस्तर समेटने की तैयारी कर लेनी चाहिए.
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