भारत के हजारों मंदिर तोडकर इस्लामी आक्रमणकर्ताओं ने वहां मस्जिदे बनाईं । उस प्रत्येक मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए हिन्दुओं की अनेक पीढियों ने प्राणों का बलिदान दिया है; परंतु मंदिर से अपना अधिकार कभी नहीं छोडा । हम भी उन्हीं हिन्दुओं के वंशज हैं । हिन्दुओं से जो–जो छीन लिया गया है, वह आपको उन्हें पुनः लौटाना होगा । यह आज का नया हिन्दुस्थान है । हिन्दुओं के धार्मिक स्थल पुनः प्राप्त करने का संकल्प कुछ शतक पूर्व किया गया था, उसे साकार करने के प्रयास अब हो रहे हैं । केवल अयोध्या का श्रीराम मंदिर, काशी का श्री विश्वनाथ मंदिर, मथुरा का श्रीकृष्ण मंदिर ही नहीं कुतुबमीनार सहित देशभर के ऐसे 36 हजार मंदिरों की सूची है । ये हडपे हुए मंदिर पुनः प्राप्त किए बिना हिन्दू रुकेंगे नहीं, ऐसा स्पष्ट प्रतिपादन ‘सुदर्शन न्यूज‘ के मुख्य संपादक श्री. सुरेश चव्हाणके ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित ‘भोजशाला में माता श्री वाग्देवी मंदिर के स्थान पर कमाल मौला मस्जिद कैसे ?’ इस ऑनलाइन विशेष संवाद में वे बोल रहे थे ।
इस समय मध्य प्रदेश के ‘अखिल भारत हिन्दू महासभा‘ के राष्ट्रीय महासचिव श्री. देवेंद्र पांडे ने कहा राजा भोज द्वारा मध्य प्रदेश के धार में वर्ष 1034 में स्थापित किया माता श्री वाग्देवी का (श्री सरस्वती देवी का) सर्वाधिक प्राचीन मंदिर था । उस पर वर्ष 1305 में अलाउद्दीन खिलजी ने आक्रमण कर उसे नष्ट करने का प्रयास किया । आगे वर्ष 1401 में दिलावर खान ने आक्रमण किया और मंदिर के प्रवेशद्वार के निकट मस्जिद बनाई । तदुपरांत महमूद ने और एक मस्जिद बनाई । ब्रिटिश काल में वर्ष 1875 में मंदिर के स्थान पर उत्खनन करते समय प्राप्त हुई माता वाग्देवी की मूर्ति इंग्लैंड के संग्रहालय में ले जाई गई । आज भी भारत का ज्ञान और बुद्धि इंग्लैंड में बंदी है । भारत सरकार इस विषय में इंग्लंड से संवाद कर वह मूर्ति पुनः ला सकती है । इसके लिए हिन्दुओं को दबाव निर्माण करना होगा ।
इस समय ‘सनातन संस्था‘ के धर्म प्रचारक श्री. अभय वर्तक ने कहा मुगलों ने अनेक मंदिर गिराए । उस पर हिन्दुओं ने संघर्ष कर उनका पुनः निर्माण किया; परंतु मुगल आक्रमणकारियों ने उन्हें पुनः ध्वस्त किया । अब भी हम मंदिरों का पुनर्निर्माण कर रहे हैं; परंतु मंदिरों की रक्षा के लिए हम क्या व्यवस्था करनेवाले हैं, इसका विचार हिन्दुओं को करना होगा । इतिहास में हुई चूक पुनः नहीं होनी चाहिए । साथ ही हिन्दुओं से विश्वासघात कर कांग्रेस सरकार द्वारा तैयार किया गया ‘प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991′ मंदिरों के निर्माण में बाधक बन रहा है । यह कानून तत्काल हटाया जाना चाहिए । जहां–जहां मंदिर तोडकर मस्जिद बनाई गई, वहां पुनः मंदिर बनाया जाना चाहिए ।
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