पश्चिम बंगाल में जब से ममता बनर्जी ने सत्ता संभाला है तब से राज्य में हालात सुधरने के बजाय दिनों दिन और खराब होते जा रहे हैं. अपराध ,दंगा ,हत्या और बलात्कार की कई घटनाओं ने बंगाल को आज एक असुरक्षित राज्य घोषित होने पर मजबूर कर दिया है। बंगाल के लोगों ने कभी सपने में भी ये नहीं सोचा होगा की वामपंथी राज में हुए हिंसा और अपराध के बाद TMC के राज में बंगाल की हालत आज और गंभीर हो जाएगी .

दरअसल पहले TMC और सीएम ममता बनर्जी पर हिंसा और वहां रहे हिंदुओं पर अत्याचार के आरोप लग रहे हैं तो वहीं अब रही सही कसर बंगाल के पुलिस अधिकारियों पर लगने वाले आरोपों ने पूरी कर दी है. पश्चिम बंगाल में कुछ हिन्दू महिलाओं ने एक पुलिस इंस्पेक्टर पर कनवर्जन के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। आरोपित पुलिस इंस्पेक्टर थाना प्रभारी के पद पर कार्यरत है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घटना मालदा जिले के कालीचक बाजार की है। इस घटना के विरोध में प्रदर्शन भी किया गया है। वहीं पुलिस अपने उपर लगे तमाम आरोपों को गलत बता रही है ।

हिंदु महिलाओं के इस विरोध प्रदर्शन के दौरान इंग्लिश बाजार इलाके में पोस्ट ऑफिस के पास कई पोस्टर भी लगाए गए हैं । पोस्टरों में पुलिस अधिकारी पर धर्मान्तरण का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए धर्म परिवर्तन न करने और इसके खिलाफ आवाज उठाने का ऐलान किया गया है।

वहीं घटना की निंदा करते हुए पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांता मजूमदार ने कहा कि, “कानून का रक्षक ही गरीब हिन्दुओं पर इस्लाम कबूलने का दबाव बना रहा है। अब यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो हिन्दुओं के धार्मिक अधिकारों के स्वतंत्रता और हिन्दुओं की रक्षा करे। पीड़ित परिवार की शिकायत को गंभीरता से लिया जाए और आरोपित पुलिसकर्मी को बर्खास्त किया जाए। यदि ऐसा न हुआ तो भाजपा सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी।” जिसे बीजेपी बंगाल ने भी अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है।

वहीं इन आरोपों को मालदा पुलिस ने गलत बताया है। मालदा पुलिस के मुताबिक, “कालियाचक थाने में 31 जनवरी 2022 तक इंस्पेक्टर मदन मोहन रॉय प्रभारी रहे और अभी वहाँ पर इंस्पेक्टर उदय शंकर घोष की पोस्टिंग है। उन्होने पीड़ित परिवार का हमेशा कानूनी तौर पर साथ दिया और सहयोग किया है।”

चाहे पुलिस अपनी सफाई में जो भी कहे लेकिन एक बात तो साफ है कि पहले ही बंगाल की जनता अपनी सरकार से परेशान थी वहीं अब कानून के रक्षक जिनकी ड्यूटी है लोगों की सुरक्षा करना अब वही उन्हें परेशान कर रहे हैं. आखिर बंगाल में रह रहे हिंदुओं की कौन सुनेगा ? कौन इन्हें सुरक्षा प्रदान करेगा ?

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.