एस नम्बी नारायणन वो शख्सियत जिन्हें ऐसा अपमान झेलना पड़ा, जिसके वे कभी भी हकदार नहीं थे। लेकिन अब उनके संघर्षपूर्ण जीवन को परदे पर पूरी दुनिया देख रही है. इसे उकेरने का बीड़ा उठाया है अभिनेता आर माधवन ने, जिनके निर्देशन में बनी है ‘रॉकेट्री-द नंबी इफेक्ट’.

दरअसल फिल्म ‘रॉकेट्री-द नम्बी इफेक्ट’ को कई मुश्किलों का सामना करने के बाद आज दर्शकों का प्यार और वाहवाही मिल रही है । रिपोर्ट के मुताबिक यह फिल्म अब तक 30 करोड़ से अधिक का वैश्विक बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन कर चुकी है। वो भी तब, जब इस फिल्म को बनने से लेकर प्रमोशन तक में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसमें कोई संदेह नहीं कि ISRO के पूर्व वैज्ञानिक के जीवन पर आधारित इस फिल्म को दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है। लेकिन कुछ लोगों को हर उस चीज से दिक्कत है जिसमें उनका प्रोपगेंडा नहीं चल पाता . बस यही परेशानी फिल्म रॉकेट्री से वामपंथी खेमे को हो गई लेकिन हर बार ये लोग सनातन का अपमान कर बच जाएंगे, ये अब नहीं हो सकता. क्योंकि इस बार खुद नम्बी नारायणन ने ऐसे लोगों की बोलती बंद कर वामपंथी कुनबे में हलचल मचा दी है।

दरअसल फिल्म कैम्पनियन नामक फिल्म पत्रिका की मालकिन और कथित फिल्म क्रिटिक अनुपमा चोपड़ा एक एजेंडाधारी और छोटी सोच रखने वाली हैं जो अपने फिल्म रिव्यू प्लेटफॉर्म फिल्म कपेंनियन के साथ अपनी ओछी रिव्यू शैली का प्रचार पूरे सोशल मीडिया पर कर रही हैं ये किसी से छिपा नहीं है.

‘रॉकेट्री–द नम्बी इफेक्ट’ को लेकर अनुपमा चोपड़ा को इस बात से दिक्कत थी कि फिल्म का नायक धार्मिक क्यों है और सनातन धर्म का गुणगान क्यों करता है? अनुपमा चोपड़ा के रिव्यू के मुताबिक “ये सराहनीय बात है कि फिल्म ने नारायणन की उपलब्धियों को सुर्खियों में ला दिया है लेकिन फिल्म में लगातार उनकी राष्ट्रभक्ति दिखाई गई है और बार-बार उनके धर्म को प्रदर्शित किया गया है। सबसे पहले ही दृश्य में नारायणन अपने घर में पूजा कर रहे हैं और किसी भी महत्वपूर्ण समय में वह प्रार्थना ही करते दिखते हैं।”

इन शब्दों को पढ़ने के बाद अब आप ही अंदाजा लगा सकते हैं कि इन जैसे लोगों के लिए हमेशा से सिर्फ इनका एजेंडा ही सर्वोपरि है. वैसे ये इनकी कोई पहली गलती नहीं है. जब राजामौली की फिल्म RRR की सफलता का खुशियां मनायी जा रही ती तो इनकी वेबसाइट फिल्म कंपेनियन इसके रिव्यू में लिख रही थी कि “ये एक हिंदूवादी फिल्म है जिसमें क्षत्रियों की बातें हैं। आखिर एक गोंड जनजाति के व्यक्ति ने ऊंची जाति वाले से शिक्षा क्यों मांगी?”

लेकिन नम्बी नारायणन ने तो फिल्म कंपेनियन के साथ ही अनुपमा चोपड़ा की लंका लगा दी है. जब रॉकेट्री पर भी उन्होंने ऐसी ही बेतुकी बातें की तो नम्बी नारायणन ने बिना अनुपमा चोपड़ा का नाम लेते हुए करारा जवाब देते हुए कहा कि “अजीब लगता है, एक रिव्यू में लिखा गया है कि नम्बी नारायणन को हिन्दू के रूप में दिखाया गया है। वो कुछ उत्सवम या सुप्रभातम करता हुआ दिखाया गया है। वो ब्राह्मण है, वो हिन्दू है, हिन्दुत्व दिखाया जा रहा है, मैं आपसे पूछता हूं – मैं हिन्दू हूं, मुझे कोई शर्म नहीं है ये कहने में, क्या हिन्दू होना कोई अपराध है क्या? जब मैं हिन्दू हूं और मेरी कथा दिखाई जा रही है तो वैसा ही तो दिखाएंगे न मुझे, मुझे मुसलमान या इसाई तो नहीं बना सकते न…”

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नम्बी नारायणन इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने आगे बताया, “आखिर चाहते हैं क्या वो? मैं ब्राह्मण तो हूं नहीं, वो अलग कथा है और अगर वो ब्राह्मण व्यक्ति है तो क्या आप उसे काट डालोगे? कितने ब्राह्मण हैं जिन्होंने इस देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किये हैं, मैं पूरी लिस्ट निकालकर दे सकता हूं आपको। सच तो यह है कि हम राई का पहाड़ बनाने में जुटे हैं, जैसे हम नरेंद्र मोदी को बीजेपी का नेता बनाने में जुटे हैं, प्रधानमंत्री के रूप में नहीं। मेरी तो केरल के वर्तमान मुख्यमंत्री ने भी काफी सहायता की थी कानूनी कार्रवाई में, तो क्या आपके तर्क से मैं कम्युनिस्ट बन गया?”

जिस शैली में नम्बी नारायणन ने अनुपमा चोपड़ा की क्लास लगायी है उससे इतना तो साफ है कि सनातन धर्म का अपमान करने वालों को अब उसी की शैली में जवाब दिया जाएगा !

 

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