देश को भले ही द्रौपदी मुर्मू जी के रूप में पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति मिल गईं हो लेकिन अब भी देश में आदिवासी समाज के लोग हाशिये पर ही हैं. लेकिन सबसे बदत्तर हालत में आदिवासी समाज की महिलाएं हैं. ऐसी ही एक बदसूरत तस्वीर सामने आयी है झारखंड के गढ़वा जिले से जहां जिले के वन विभाग की दबंगई सामने आई है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यहां सालों से खेती कर रहे जनजातीय समुदाय के लोगों की तरफ से आवेदन दिए जाने के बाद भी अब तक उन्हें वन पट्टा नहीं दिया गया है. अब यहां की जमीन पर खेती करने पर वन विभाग के गार्ड ने कोरवा आदिम जनजाति महिलाओं की जमकर पिटाई कर दी है, लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि इसमें एक गर्भवती महिला भी थी. ग्रामीणों का कहना है कि वो सालों से वन भूमि पर खेती करते आ रहे हैं.
झारखंड के गढ़वा में वन विभाग की दबंगई,खेती करने पर कोरवा जनजातीय गर्भवती महिला को गार्ड से पिटवाया।
वर्षों से खेती-बारी कर रहे जनजातीय समुदाय के लोगों द्वारा खेती करने पर वन विभाग के गार्ड ने कोरवा आदिम जनजाति की गर्भवती महिला की जमकर पिटाई कर दी।#Jharkhand@HemantSorenJMM pic.twitter.com/HJvO5SgZcv
— Sohan singh (@sohansingh05) July 28, 2022
इधर मामला जब सुर्खियों में आया तो राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गढ़वा में खेती करने पर कोरवा जनजातीय गर्भवती महिला के साथ मारपीट के मामले में जिला उपायुक्त को जांच कर कार्रवाई का आदेश को दिया है. सीएम के आदेश के बाद गढ़वा उपायुक्त ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
.@dc_garhwa कृपया उक्त मामले की जाँच कर कार्रवाई करते हुए सूचित करें।@MithileshJMM @JharkhandVan https://t.co/We5Rmy2zKB
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) July 28, 2022
रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी गई कि झारखंड के गढ़वा जिले में खेती करने पर कोरवा जनजातीय गर्भवती महिला को वन विभाग ने गार्ड से पिटवाया है. बताया गया कि सालों से खेती कर रहे जनजातीय समुदाय के लोगों के खेती करने पर वन विभाग के गार्ड ने कोरवा आदिम जनजाति की गर्भवती महिला की जमकर पिटाई कर दी है.
इधर इस मामले को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता रघुवर दास ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ”झारखंड में अब ये आम हो गया है. अबुआ राज के नाम पर राजनीति करने वाली सरकार में आदिवासी समाज का सबसे ज्यादा शोषण हो रहा है. हिम्मत वाली सरकार है. अपराधियों को संरक्षण देने वाली सरकार है.”
झारखंड में अब यह आम हो गया है।
अबुआ राज के नाम पर राजनिति करने वाली सरकार में आदिवासी समाज का सबसे ज्यादा शोषण हो रहा है।
हिम्मत वाली सरकार है। अपराधियों को संरक्षण देने वाली सरकार है। https://t.co/F6c6ibv3b1
— Office of Raghubar Das (@OfficeofRDas) July 28, 2022
विडंबना देखिए ये घटना उस राज्य में घटी है जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद आदिवासी समुदाय से आते हैं.
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