आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ की तो ऐसी दुर्गति हो गई है कि पूछिए मत. फिल्म को दर्शकों ने बुरी तरह से खारिज कर दिया है और इसी गम में डूबने की वजह से कुछ दिन तक शायद आमिर खान को किसी नये प्रोजेक्ट में हाथ लगाने से पहले 100 दफे सोचना पड़े. लेकिन कहते हैं ना जब मुसीबत आती है तो चारों तरफ से आती है कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों आमिर खान का हो रहा है.
आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ के साथ मानो पनौती खत्म ही नहीं हो रही है, पहले रिलीज की तारीख को लेकर देरी, फिर सोशल मीडिया पर आमिर खान और उनकी फिल्म लाल सिंह चड्ढा का सफल बॉयकॉट कैंपेन, और फिर रिलीज के दूसरे दिन तक मात्र 6.5 करोड़ की कमाई, ये किसी तबाही से कम नहीं कही जा सकती.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक वकील ने दिल्ली पुलिस से आमिर खान, फिल्म के डायरेक्टर और इसे रिलीज करने वाली कंपनी की शिकायत की है। फिल्म की स्क्रीनिंग को भारत में बैन करने की भी मांग की है। रिपोर्ट के मुताबिक वकील विनीत जिंदल ने 12 अगस्त 2022 को ‘लाल सिंह चड्ढा’ को लेकर पुलिस से शिकायत की। उन्होंने फिल्म में भारतीय सेना और हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत किए जाने की बात कही है। जिंदल ने एक वीडियो में कहा है, “फिल्म में आमिर खान ने हिंदुओं की आस्था से जुड़े पूजा-पाठ को दंगा भड़काने वाला बताया है। उसकी तुलना मलेरिया जैसी बीमारी से की है। इसके अलावा फिल्म के डायरेक्टर ने सेना में भर्ती होने वाले अफसरों को मानसिक रूप से सही नहीं बताया है जो कारगिल युद्ध तक लड़े हैं। ये सेना के बलिदानियों का अपमान है।”
#LalSinghChaddha के ख़िलाफ़ CP दिल्ली पुलिस के पास शिकायत दर्ज करने पर @vineetJindal19 । #LalSinghChadha #AamirKhan #Lalsinghchaddaboycott #vineetjindal pic.twitter.com/hX0TE9D1Up
— Adv.Vineet Jindal (@vineetJindal19) August 12, 2022
जिंदल ने आगे कहा है, “मैंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक शिकायत भेजी है। इसमें आमिर खान, लाल सिंह चड्ढा के डॉयरेक्टर और इसे रिलीज करने वाली कंपनी के खिलाफ आपराधिक धाराओं में FIR दर्ज करने की मांग की है। साथ ही इस फिल्म की स्क्रीनिंग को पूरे देश में रोकने की मांग की है, क्योंकि फिल्म से धार्मिक भावनाएँ भड़क सकती हैं।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विनीत जिंदल फिल्म अभिनेता आमिर खान, फिल्म डॉयरेक्टर अद्वैत चंदन और फिल्म को रिलीज करने वाली कम्पनी पैरमाऊंट पिक्चर्स प्रॉडक्शन हाउस पर IPC की धारा 153, 153-A, 298 और 505 के तहत कार्रवाई चाहते हैं।
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