बिहार का जिक्र आते ही कुछ पंक्तियां सामने आने लगती है, जैसे बिहार में बहार है लेकिन ये बहार जंगलराज के लिए है, भ्रष्टाचार के लिए है और अपराधियों के लिए है। बिहार में आरजेडी-जदयू की सरकार बनने के बाद जिस तरह से नई सरकार की छीछालेदर हुई है वो किसी से छिपी नहीं है. इसी के बीच सुशासन बाबू की सरकार बनने के बाद बिहार के युवाओं के लिए 15 अगस्त को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान से जितनी हुंकार के साथ सीएम नीतीश कुमार ने 20 लाख नौकरियों के सपने दिखाए हैं उतनी ही बेरहमी से युवाओं के सपने को नीतीश सरकार कुचलने का काम भी कर रही है.

दरअसल सोमवार को राजधानी पटना में रोजगार मांगने वाले युवाओं के साथ हुई अत्याचार की जो तस्वीर सामने आयी है वो पूरे प्रदेश के लिए बड़ी ही शर्मनाक है. नौकरी की मांग के लिए आवाज उठाने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक किया गया. BTET पास शिक्षक अभ्यर्थी सोमवार को पटना में टीईटी परीक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन इस बीच इन छात्रों को तितर-बितर करने के लिए एडीएम केके सिंह ने जो रास्ता अपनाया उसे किसी भी हाल में उचित नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने हिंसक रास्ता अपनाते हुए छात्रों पर लाठीचार्ज करने का ऑर्डर दे दिया और तो और अपनी अफसरगिरी का धौंस दिखाने के लिए खुद भी लाठी लेकर नौकरी मांग रहे युवाओं को डंडों से पीटने लगे. इसे पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे लेकर बिहार सरकार और अधिकारी की थू-थू हो रही है.

हद देखिए अंधेरगर्दी की कि ADM केके सिंह ने पहला डंडा तो तिरंगे पर ही चलाया यानि खुलेआम राष्ट्रध्वज का अपमान। अरे, कम से कम राष्ट्रध्वज को तो पहले लड़के से ले लेते. लेकिन ADM को ये सब कहां दिख रहा था। वो तो मालूम नहीं किस गुस्से में थे कि छात्र को तिरंगे समेत जमीन पर लिटाकर डंडे बरसा रहे थे। ADM ने अन्याय, क्रूरता और बेहयाई की सारी सीमाएं लांघ दी. चलिए बिहार के बहादुर पुलिस वालों की बहादुरी देखकर शायद नीतीश कुमार जी कोई तमगा ही पकड़ा दें. जिस ADM ने पटना में युवक को लाठी से बेरहमी से पीटा उनसे जब मीडिया वालों ने सवाल पूछे तो साहब गुस्से में उनसे भी भिड़ पड़े . ADM ने धक्का मुक्की की और एक कैमरामैन के साथ मारपीट भी की।

उधर छात्रों पर लाठीचार्ज के दौरान ADM के तिरंगे के अपमान वाले वीडियो ने पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा दिया। पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह तक भी मामला पहुंच गया। चुंकि मामला अब राष्ट्रध्वज के अपमान का बन चुका था तो जिलाधिकारी ने अपनी ही टीम के अफसर के खिलाफ संज्ञान ले लिया। पटना डीएम ने आरोपी डीएम केके सिंह के खिलाफ जांच का आदेश जारी कर दिया।

बता दें आपको बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बेरोजगारों के नौकरी देने वाले कोटे को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया है. लेकिन सिर्फ कागजों पर घोषणा कर देने से क्या बेरोजगारों को नौकरी मिल जाएगी ? सरकार बनने से पहले तक तो आरजेडी के तमाम नेता सड़कों पर उतर कर छात्रों के लिए नौकरी की मांग कर रहे थे। लेकिन अब जब वो सरकार में आ गए तो नजरें फिर से पलट गईं।

इन सबके बीच सवाल ये कि क्या अधिकारियों की हिटलरशाही इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि वो नौकरी मांग रहे युवाओं पर इस बर्बरता से लाठी भांजेगे ? ये शिक्षक अभ्यर्थी सिर्फ अपना हक और नौकरी मांग रहे थे लेकिन पटना पुलिस ने इनके साथ आतंकियों जैसा बर्ताव किया . जाहिर है बिहार में सरकारें कई बार बदल गई लेकिन युवाओं को डील करने वाला सिस्टम नहीं बदला . इनके भाग्य में अभी भी लाठी ही है.

 

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