कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने अपने नए गठबंधन का नाम इंडिया दिया क्योंकि उनको पता है कि उनके गठबंधन एवं कांग्रेस पार्टी के भावी प्रधानमंत्री उम्मीदवार राहुल गांधी का कद भी मोदी के पैर के धूल के बराबर भी नहीं ।मोदी के कद को नापने के लिए उन्हें India जैसे शब्द महाशक्ति की जरूरत थी क्योंकि मोदी का मुकाबला विपक्ष का कोई नेता नहीं कर सकता ।
मोदी का मुकाबला खुद से, मोदी का मुकाबला उसके काम से ,है मोदी की मुकाबला उसकी काबिलियत से। ऐसे में कांग्रेस द्वारा दिया गया अपने गठबंधन का नाम इंडिया यह साबित करने के लिए काफी है कि उनके गठबंधन के पास मोदी से टक्कर लेने वाला कोई मजबूत नेता नहीं।
वैसे कांग्रेस को इस नाम देने के लिए भी दाद देनी होगी जब सारा विपक्ष मोदी के सामने बेबस और लाचार नजर आ रहा था तब कांग्रेस ने अपने गठबंधन के साथ मिलकर के जो गठबंधन बनाया उसका नाम इंडिया दिया क्योंकि मोदी से मुकाबला करने के लिए कोई ऐसे बड़े नाम की आवश्यकता वरना राहुल गांधी जैसे लोग तो धूल में उड़ जाते ।
पर इस नए गठबंधन होने के बावजूद भी बड़ा मुश्किल है विपक्ष को इस बार भी मोदी को हराना मोदी पर जनता का जो अटूट विश्वास है ,वह विश्वास बना है धारा 370 हटा कर ,वह विश्वास बना है पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक पर वह विश्वास बना है 5 किलो हर घर चावल पाकर,वह विश्वास बना है राम मंदिर का निर्माण लेकर, यह विश्वास बना है भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के कारण, यह विश्वास बना है सुंदर सड़कों के कारण, विश्वास बना है डीवीडी के माध्यम से, या विश्वास बना है पक्के घर पाकर, जब विश्वास बना है स्वच्छता अभियान को लेकर।
ऊपर से विपक्ष के गठबंधन को मोदी को हराने के लिए बार-बार विदेशी ताकतों से सहारा लेना पड़ता है ,विदेशी मीडिया में जाकर मोदी की छवि को खराब करने की कोशिश की जाती ,विदेशी एनजीओ से बाहर बार पैसा लिया जाता है और बार-बार विदेशी शक्तियों को जोड़कर चाहे चाइना में मिलकर चाहे पाकिस्तान में मिलकर मोदी को हराने की साजिश रची जाती है।
फिर भी मोदी जी के नेतृत्व में सशक्त गठबंधन बनाने में nda ने भी जोरदार पहल की है, फीर से चिराग पासवान, जीतन राम मांझी , राष्ट्रीय लोक दल, अजीत पवार दक्षिण भारत की विभिन्न क्षेत्रीय पार्टी के साथ एक मजबूत गठजोड़ बनाया गया है।
वैसे India के गठबंधन में सारे ऐसे लोग है जो किसी ना किसी से बड़े घोटाले कांड के आरोपी है, जो जेल की हवा खा चुके है, जिनके पीछे ed के अधिकारी पड़े हुए है तो ये स्वाभाविक है की वो सब मोदी के पीछे पड़े है।
इस बार मुकाबला India बनाम मोदी बनाने की कोशिश है पर जिसमे जीत भारत की होगी।
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