भारत की कोरोना के विरूद्ध जंग में मिली एक और बड़ी सफलता जब Drug Controller General of India (DCGI) ने टाटा ग्रुप को दिया देश के पहले CRISPR (Clustered Regularly Interspaced Short Palindromic Repeats) coronavirus test ‘Feluda’, के व्यावसायिक उपयोग की अनुमति the Council of Scientific and Industrial Research (CSIR) ने शनिवार को यह जानकारी दी |
ये टेस्ट स्वदेशी तकनीक से ,SARS-CoV-2 virus के genomic sequence की जांच करने में सबसे अग्रणी टेस्ट माना जा रहा है यह टेस्ट , वर्तमान में किये जा रहे RT-PCR test से कहीं अधिक तेज़ ,बहुत कम खर्च ,और आसानी से किया जा सकता है | CRISPR एक genome editing technology है जिसे रोगों की पहचान की जाती है ,जिसका विकास CSIR-IGIB (Institute of Genomics and Integrative Biology)द्वारा किया गया है |
ICMR guidelines के मुताबिक़ नॉवल कोरोना वायरस को detect करने में 96 से 98 प्रतिशत तक उच्च गुणवत्ता को प्राप्त कर चुका है | Tata CRISPR test विश्व का पहला जो विशेष रूप से Cas9 protein को अनुकूलित करते हुए सफलतापूर्व उस वायरस को पकड़ता है जो COVID-19, वायरस के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं |
गौरतलब भविष्य की इस टेस्ट तकनीक का उपयोग अन्य कई गंभीर बीमारियों की पहचान के लिए भी पूरे देश की पैथ लैब में किया जा सकेगा
देबज्योति चर्कवर्ती और सौविक मैती जैसे युवा और प्रतिभाशाली चिकित्सा विज्ञानियों ने कोविड -19 से भारत की लड़ाई में ,स्वदेशी टेस्ट तकनीक का विकास कर “वोकल फॉर लोकल ” के उद्देश्य को बहुत सार्थक किया है -टाटा ग्रुप | आने वाले समय में इस तेज़ , 96 से 98 प्रतिशत सटीक परिणाम वाले और कम खर्च में किया जाने वाला ये CRISPR (Clustered Regularly Interspaced Short Palindromic Repeats) coronavirus test ‘Feluda’ भारत को फिर कोरोना योद्धा देशों में अगुआ बना देगा |
सबको ये याद रखना चाहिए की कोरोना के शुरूआती दिनों में इसके बचाव के लिए विश्व भर में दी जाने वाली दवाई हाइड्रोऑक्सीक्लोरोक्वीन के लिए भी अमेरिका समेत पूरा विश्व भारत पर ही निर्भर हुआ था | भारत सहित विश्व के अन्य देशों के लिए भी ये मील का पत्थर साबित होगा |
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