यह भारत देश सिर्फ एक जमीन का भूभाग नहीं है , यह हमारी सनातन धर्म , संस्कृति और 5000 वर्षों का इतिहास समेटा हुआ जीता जागता राष्ट्र है , और अगर इस देश पर पर कब्जे की साजिश चल रही है तो उसे हम कतई बरदास नहीं कर सकते है । यह वह देश है जहा पर विश्व का पहला धर्म उत्पन हुआ , इसके बाद से जो आए चाहे वो इस्लाम हो या ईसाई सब के सब मजहब है ।।
मुसलमानों के कुरान में मोहमद ने लिखा है जिहाद करने को , इसका ही परिणाम हमे देखते है ,लव जिहाद, लैंड जिहाद, विज्ञापन जिहाद , जनसंख्या जिहाद, और सबसे ख़तरनाक यूपीएससी जिहाद ।।
जिन्ना कहा करता था कि अगर तुमको पाकिस्तान चाहिए तो तुम्हे नौकरशाही पर कब्जा करना होगा , तो क्या आप चाहते है कि भारत के और भी टुकड़े हो ?
१. यूपीएससी जिहाद क्या है ?
यह एक षड़यंत्र है भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की । एक बार मनमोहन सिंह ने कहा था कि इस देश के संसाधन पर पहला हक मुसलमानों का है , बस उस idea of manmohan Singh का क्रियान्वन इन जिहादियों के द्वारा सिस्टम पर कब्जा करके किया जा रहा है ।।
२. यूपीएससी जिहाद कैसे किया जा रहा है ?
1. जब एक मुसलमान यूपीएससी की तैयारी करने जाता है तो उसे उड़ान स्कीम के तहत ₹1 लाख रूपए सरकार उपलब्ध कराती है, अब इसके साथ कोई कहेगा की मुस्लिम अल्पसंख्या में है इसीलिए सरकार ऐसा करती है तो मै उसे बता देना चाहता हूं कि मुसलमान अल्पसंखयक में नहीं है बल्कि दूसरी बहुसंख्यक है ।।
जब किसी की कॉपी चेक की जाती है तब उसका पहला पन्ना निकाल दिया जाता है कि उसकी पहचान गोपनीय रहे , लेकिन कोई उर्दू लेता है तो भले उसकी निजी पहचान गोपनीय रहती हो लेकिन उसकी समुदाय की पहचान उजागर हो जाती है, इसलिए आंकड़े बता रहे है कि उर्दू में UPSC पास होने होने के आंकड़े दूसरी भाषा साहित्य से ज्यादा है ।।
3. आंकड़े बता रहे है कि मुसलमानों को average दस नंबर ज्यादा मिलते है non- Muslim कि तुलना में , अब सवाल उठेगा की क्या मुसलमानों प्रारंभिक परीक्षा में ज्यादा नंबर ला रहे रहे है non – Muslim की तुलना में तो जवाब होगा नहीं , इस प्रकार मुसलमानों को इंटरव्यू में ज्यादा मार्क्स देकर यूपीएससी जिहाद को अंजाम दिया जा रहा है ।।
आंकड़े बता रहे है कि मुसलमानों के यूपीएससी में सफलता का आंकड़ा काफी ज्यादा संदेहास्पद है , अगर किसी में मुसलमानों की ग्रोथ रेट 140% है तो सवाल उठना लाजमी है, कि सिर्फ खास जगह पर ही इतनी ज्यादा ग्रोथ है दूसरे क्षेत्रो में जैसे engineering, doctor , scientist में ऐसा ग्रोथ रेट क्यों नहीं दिखाई दे रहा है ?
4. सबसे प्रमुख अंश इस लेख का
जय मीम और जय भीम करने वाले को नंगा करता यह अंश ?
मुसलमान के मौलवी कुरान की दुहाई दे कर कहते है कि मुसलमान में कोई जाती नहीं होती है तो फिर सवाल उठता है कि अगर मुसलमान में कोई जाती नहीं होती तो फिर ये कैसे OBC मे धुसकर आरक्षण ले सकते है , जी हां आपने सही पढ़ा मुसलमान ओबीसी में घुस कर आरक्षण की मलाई खाते है , आरक्षण के दायरे में आने से मुसलमान को अनेक फायदे मिल जाते है
- मुसलमानों को प्रयास करने के 9 बार मौके मिलते है , जब की नोन – रिजर्वेशन वाले को बस 6 मौके मिलते है ।
- 2. मुसलमानों को उम्र का लाभ मिल जाता है , मुसलमान ओबीसी में illegal धुसकर 35 वर्ष तक यूपीएससी की परीक्षा दे सकते है , लेकिन non – reservation वाले बस छात्र 32 वर्ष तक परीक्षा दे सकते है ।।
अब सवाल उठता है कि मुसलमान OBC में धुसकर कितना प्रतिशत OBC भाईयो का हक मार लेते है ,
इसका जवाब है 60 प्रतिशत , जी हां मुसलमान लगभग 60% हक हमारे OBC भाईयो का मार लेते है मुसलमान यूपीएससी में ।
5. विदेशी फंडिंग के द्वारा भी UPSC जिहाद को बढ़ावा दिया जा रहा है , बहुत सारे संस्था खुले हुए है जो मुफ्त में मुसलमानों को कोचिंग देते है, जिसमें से एक है ZAKAT FOUNDATION जिसके तार ISIS और पाकिस्तान से जुड़े हुए है , इस संस्था को आतंकवादी फंडिंग करते है ,
2020 में कुल 45 मुसलमान UPSC में सफल हुए जिसमें से 27 छात्र ZAKAT FOUNDATION के से जुड़े हुए थे , इसका मतलब आप समझ सकते है कि 2020 में ZAKAT FOUNDATION ने 27 “POTENTIAL TERRORIST” भर्ती किए UPSC में ।
- उदाहरण के तौर पर हम ZAKAT FOUNDATION से निकले IAS/IPS की देश विरोधी करतूतें देखते है
- शाह फैजल 2009 का यूपीएससी टॉपर था और इसने इमरान खान नोबेल प्राइज देने की सिफारिश किया ?
- नदिया बेग जिसने 2020 में 350 रैंक हासिल किया , लेकिन इसके ट्विटर अकाउंट देश विरोधी बातो से भरे हुए थे
यह तो कुछ उदाहरण है सोचिए ZAKAT FOUNDATION से ऐसे कितने IAS/IPS के रूप में कितने आतंकवादी निकले होंगे ?
2020 में ZAKAT FOUNDATION से निकले हुए IAS/IPS /IRS की सूची ?
CHAIRMAN OF ZAKAT FOUNDATION – SYAAD ZAAFAR MAHMOOD (FORMER OSD OF EX – PM MANMOHAN SINGH)
उठो जागो और यह सोचो ?
मै रहूं या ना रहूं भारत यह रहना चाहिए ।।
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.