गोवर्धन का पर्व पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन गाय के गोबर की पूजा की जाती है साथ ही अन्नकूट का प्रसाद बनाया जाता है। द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने भोले भाले ब्रज वासियों को इस पर्व को मनाने के तहत एक संदेश दिया था कि हमें प्रकृति की ओर उन्मुख होना चाहिए और प्रकृति की पूजा करनी चाहिए। इससे पहले बृजवासी इंद्र देवता की पूजा करते थे जो कि सत्ता के प्रतीक थे मगर कृष्ण ने द्वापर युग में राजसत्ता के खिलाफ पहला विद्रोह किया और बृज वासियों को गाय, गोबर , पेड़ , पहाड़ और अन्न की उपासना के लिए तैयार किया।


द्वापर में कृष्ण ने जो कहा और जो बृज वासियों से करवाया उसे ही आज तमाम एनजीओ और सरकार मिलकर दोहरा रहे हैं। इस युग में सबसे पहली आवश्यकता है प्रकृति का संवर्धन.. गाय, पेड़ ,पहाड़ और अन्न को बर्बाद होने से बचाना। जब कृष्ण ने बृज को इंद्र की पूजा करने से मना किया तब जैसा कि आज के युग में होता है सत्ता के द्वारा पोषित मद में भरे हुए मेघों ने बृज पर बरसना आरंभ किया मगर समाजवादी अप्रोच को लागू करते हुए कृष्ण ने तमाम बृज वासियों के साथ मिलकर साझा सहयोग से 7 दिन तक गोवर्धन उठाए रखा और बृज को डूबने से बचा लिया।


बृजवासियों के साझा सहयोग से जब गोवर्धन पर्वत की तलहटी में सारे लोग 7 दिनों तक सुरक्षित रहे तब सत्ता को कृष्ण की समाजवादी अप्रोच के सामने झुकना पड़ा और अहंकार में भरे हुए शासक इंद्र का सिर ग्वाले कृष्ण के आगे नतमस्तक हो गया। कृष्ण ने कहा गोवर्धन पूजा के माध्यम से आप अन्न की उपासना कीजिए जिससे आज हम अन्नकूट का प्रसाद बनाते हैं, कृष्ण ने कहा कि पहाड़ की पूजा कीजिए और आज हम पहाड़ों की सुरक्षा में तमाम मुहिम चलाते हैं, कृष्ण ने कहा कि पशुधन की पूजा कीजिए और आज हम Peta जैसी NGO को करोड़ों की फंडिंग पाते हुए देखते हैं, कृष्ण ने कहा कि गोवर्धन पर्व के दिन नदियों के जल की उपासना कीजिए और आज हम नदियों को बचाने के कार्य करते हैं। 


‘कृष्णम वंदे जगदगुरूम’ ऐसे ही नहीं कहा जाता है कृष्ण ने द्वापर में ही गोवर्धन पूजा के माध्यम से मानवता को वह संदेश दिया था जिसे आज इस कलयुग में हम लागू कर रहे हैं और पृथ्वी पर मौजूद प्राणवायु जब तक है तब तक हम कृष्ण के इस संदेश को अपने जीवन में लागू रखेंगे।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.