आज 26 नवम्बर है और आज ही के दिन , दुनिया ने जेहादी मुगलों द्वारा मानवता की विरूद्ध किए गए बहुत बड़े अपराधों में से एक को अंजाम दिया गया था। मजहब के नाम पर कुछ पाकिस्तानी पागल मुगलिये चोरों की तरह भारत में घुस आए और सैकड़ों निर्दोषों को कत्ल कर दिया था। इस बीच दुनिया में बहुत कुछ बदला ,यदि कुछ नहीं बदल पाया है तो वो है जेहादी जहालत और मुगलों का आतंक।
आज भी कहीं मुहम्मद साब के कार्टून के कारण लोगों का गला रेत दिया जा रहा है तो कहीं मुगलिया गजवा ए विश्व के कारण निर्दोष लोगों को मारा जा रहा है। ये जेहादी पूरी दुनिया में इंसानियत के शत्रु बने घूम रहे हैं। आज 26/11 की बरसी है और आज भी दुनिया ऐसे ही आतंकी हमले झेल रही है।
ताजा जानकारी के अनुसार ,यूरोपियन देश स्विट्ज़रलैंड में एक जेहादी मुग़ल महिला ने तेज़ धारदार हथियार से दो महिलाओं का गला रेत दिया। ओला ऊबर के जेहादी नारे को चिल्लाते हुए उसने ये अपराध किया।
जिस तरह से अब दुनिया के हर कोने , भारत ,फ्रांस , श्रीलंका ,ऑस्ट्रिया , स्विट्जरलैंड और अन्य गैर मुग़ल देशों पर आतंकी हमले बढ़ रहे हैं उससे एक तरफ तो पूरी दुनिया को सन्देश मिल रहा है कि आतंकी पूरी दुनिया में /पूरी दुनिया के , एक साथ हैं तो उन्हें कुचलने के लिए दुनिया के शान्ति पसंद देशों को , मानवता के रक्षक बन कर एक साथ आना होगा और पूरी सख्ती से इस मुगलिया जेहाद को ख़त्म करना होगा।
वैसे जाहिल जेहादी तो 72 हूरों के लालच में पूरी दुनिया को जहन्नुम बना कर खुद जन्नत पाने का ख़्वाब पाले शूकर की मौत मारे जा रहे हैं लेकिन ये मुग़ल महिलाएं -इन्हें कौन सी हूरें चाहियें। घृणित कबीलाई सभ्यता को आज तक अपनी दाढ़ी और बुर्के में लादे इन सबके साथ अब निर्णायक लड़ाई लड़ी जानी होगी।
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