सरकार भ्र्ष्टाचार के खात्मे को लेकर कितनी गंभीर और सख्त है ये भ्रष्टाचारियों पर कसते नकेल की लगातार मिल रही ख़बरों से ही साबित हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने पद संभालते ही कहा था , न खाऊँगा न खाने दूँगा। एक के बाद एक कठोर फैसले और भ्रष्टाचार के विरूद्ध बनते कानूनों ने घपलेबाजों ,बेईमानों और भ्रष्टाचारियों का जीना मुहाल कर दिया है।
आज उड़ीसा के एक IFS अधिकारी अभय नाथ पाठक के पाँच राज्यों में स्थित ठिकाने पर छापेमारी करके उनसे करोड़ों रुपये के काले धन को ज़ब्त कर लिया गया है। छापेमारी के दौरान ही लगभग दस करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ है। जिनमे से साढ़े आठ करोड़ रूपए तो पिता अभय कान्त पाठक और पुत्र आकाश पाठक के बीच ही लेनदारी देनदारी नकद की गई है।
आकाश जो पहले से ही धोखाधड़ी और गबन का आरोपी है उसे भी पुलिस गिरफ्तार करके पूना से भुवनेश्वर ला रही है। आकाश ने खुद को टाटा की एक ट्रांसपोर्ट डिवीजन का मैनेजिंग डायरेक्टर बता कर करोड़ों की हेराफेरी की थी।
असल में विलासितापूर्ण जीवन जी रहा ये परिवार पहले से ही जाँच एजेंसियों के रडार पर आ गया था मगर शक तब यकीन में बदल गया जब जांच अधिकारीयों ने पाया कि , पूरा परिवार तो परिवार ,घरेलू सहायिका तक अपने आने जाने के लिए चार्टर्ड प्लेन का इस्तेमाल करती थी।
लॉकडाउन के इस समय में भी इस परिवार ने पूना ,भुवनेशवर ,मुमबई जमशेदपुर और पटना के लिए बुक चार्टर्ड प्लेन पर तीन करोड़ से अधिक खर्च किया था ,और यही बात इनकी सारी कलई खोलने के लिए पर्याप्त थी। इसके अलावा ये परिवार मलेशिया ,हॉंगकॉंग ,मालदीव , सऊदी अरब जैसे देशों की यात्राओं पर भी जाता रहा है।
सतर्कता विभाग की 150 सदस्यों की टीम ने पांच राज्यों में इनके और इनके रिश्तेदारों और यहाँ तक कि इनके ड्राइवर तक के घरो पर छापे मार कर अथक अकूत काला धन बरामद किया गया है।
इस परिवार के पास महँगी कारों जैसे मर्सिडीज़ ,BMW और टाटा हैरियर का पूरा जखीरा मौजूद था। परिवार मुम्बई के ताज होटल में ठहरने के लिए एक करोड़ तक खर्च कर चुका था और बीस पच्चीस लाख अग्रिम भुगतान किये बैठा था। पैसे के अलावा , सोना , चांदी और इनसे निर्मित ढेर सारे गहने भी बरामद किये गए हैं।
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