रांची में सात हजार सिमकार्ड के साथ दो युवक गिरफ्तार, आतंकी गतिविधि की सूचना पर हुई छापेमारी..

पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं ये मामला आतंकी गतिविधियों से जुड़ा तो नहीं है. छापेमारी में 350 मोबाइल नंबरों की सूची मिली है. साइबर ठगी और आतंकी गतिविधियों की सूचना पर एटीएस, रांची पुलिस और साइबर सेल ने रांची के कांटाटोली इलाके में छापेमारी की. कांटाटोली के हासिब इंक्लेव के एक फ्लैट और कांके के भीठा स्थित एक घर को खंगाला गया. इस दौरान दोनों जगहों से सात हजार से अधिक सिमकार्ड बरामद किए गये. साथ सिम बॉक्स और मॉनिटर भी जब्त किये गये. पुलिस ने दोनों जगहों से एक-एक युवक को गिरफ्तार किया है. लेकिन जावेद नहीं मिला, जिसकी पुलिस को तलाश थी. गिरफ्तार युवक जावेद का रिश्तेदार है. इस सिलसिले में फ्लैट के मालिक से भी पुलिस ने पूछताछ की है. जानकारी के मुताबिक मालिक ने पुलिस को बताया कि वह इस फ्लैट को अशरफ नामक शख्स को किराये पर दे रखा था. छापेमारी का नेतृत्व सिटी एसपी अमन कुमार और एटीएस एसपी पी मुरूगन कर रहे थे. पुलिस इस मामले में भी जांच कर रही है कि कहीं ये मामला आतंकी गतिविधियों से जुड़ा तो नहीं है. छापेमारी में 350 मोबाइल नंबरों की सूची मिली है. दरअसल पुलिस को सूचना मिली थी कि हसिबा इंक्लेव के एक फ्लैट में जावेद अहमद नामक शख्स के द्वारा सात हजार सिमकार्ड के साथ सिमबॉक्स का संचालन किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक कंपनी के पूर्व कर्मी अब्दुल जमीद के सहयोग से जावेद को सिमकार्ड मिला था. इसके बदले में जावेद ने अब्दुल को सात लाख रुपये दिये थे. मोबाइल नंबरों को पटना से एक्टिवेट किया गया था. इस मामले में कंपनी के सीनियर मैनेजर पुरुषोत्तम के भी नाम सामने आ रहा है. पुलिस के मुताबिक जावेद फिलहाल दुबई में है. पुलिस को शक है कि इन सिमकार्ड्स का इस्तेमाल साइबर क्राइम, धार्मिक उन्माद और आतंकी गतिविधियों के संचालन में हो सकता है.

साइबर ठगी व धार्मिक उन्माद फैलाने के मामले में कांटाटोली व कांके में छापेमारी 7000 से अधिक सिम कार्ड मिले…

साइबर ठगी व धार्मिक उन्माद फैलाने की सूचना पर एटीएस, रांची पुलिस और साइबर पुलिस ने कांटाटोली स्थित हासिब इंक्लेव के एक फ्लैट और कांके के भीठा स्थित एक घर में छापेमारी की. छापेमारी के दौरान वहां से हजारों की संख्या में सिम कार्ड बरामद किये गये हैं. साथ ही सिम बॉक्स और मॉनिटर बरामद किये गये हैं. पुलिस ने दोनों स्थान से एक-एक युवक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. छापेमारी के दौरान फ्लैट में जावेद नहीं मिला. वहां से हिरासत में लिया गया युवक उसका रिश्तेदार बताया जाता है. फ्लैट के मालिक इंतिखाब से भी पुलिस ने पूछताछ की. उसने बताया कि अशरफ नामक व्यक्ति को फ्लैट किराये पर दे रखा था. छापेमारी का नेतृत्व सिटी एसपी अमन कुमार और एटीएस के एसपी पी मुरूगन कर रहे थे. पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि कहीं मामला आतंकी गतिविधियों से जुड़ा तो नहीं. जांच के दौरान 350 मोबाइल नंबरों की सूची भी मिली है.
जावेद अहमद की थी तलाश : पुलिस को सूचना मिली थी कि कांटाटोली चौक के समीप स्थित हसीबा इंक्लेव के एक फ्लैट में जावेद अहमद नामक व्यक्ति द्वारा एक कंपनी का सात हजार सिमकार्ड लेकर सिमबॉक्स का संचालन किया जा रहा है. कंपनी के पूर्व कर्मी अब्दुल जमीद के सहयोग से जावेद को सिमकार्ड मिला था. इसके एवज में अब्दुल ने जावेद से सात लाख रुपये रिश्वत भी लिये हैं. मोबाइल नंबर को पटना स्थित कार्यालय से एक्टिव किया गया है. इसमें कंपनी के सीनियर मैनेजर पुरुषोत्तम भी शामिल हैं. इसी कंपनी से और 10 हजार सिमकार्ड मुहैया कराने की भी संभावना है. साथ ही यह भी आशंका है कि अन्य मोबाइल कंपनियों की सिमकार्ड का भी इसी प्रकार उपयोग किया जा सकता है. जावेद अहमद शायद अभी दुबई में है. एक कंपनी की सात हजार सिमकार्ड को एक्टिव कराना इस आशंका को बल देता है कि इसका उपयोग साइबर क्राइम के लिए भी किया जा सकता है. पुलिस को आशंका है कि इस मामले में आम नागरिकों से साइबर अपराध को अंजाम दिया जा सकता है. साथ ही धार्मिक उन्माद फैलाया जा सकता है व आतंकी गतिविधियों का संचालन किया जा सकता है.

धार्मिक उन्माद के मैसेज वायरल कर आतंक फैलाने की साजिश

एटीएस रांची की टीम ने देश में आतंक फैलाने और धार्मिक उन्माद के मैसेज वायरल करने वाले बड़े रैकेट का खुलासा किया है। एटीएस ने कांटाटोली के हसीबा इन्क्लेव में छापेमारी कर सिम बॉक्स के साथ दो लोगों को हिरासत में लिया है। करीब 350 सिम भी जब्त कर लिया है। कोतवाली थाने में देर रात तक दोनों से पूछताछ की जा रही थी। रैकेट का सरगना अभी दुबई में है। स्पेशल ब्रांच को सूचना मिली थी कि जावेद अहमद ने एयरटेल के पटना कार्यालय से सात हजार सिम जारी करवाया है। इसमें उसने एयरटेल के पूर्व कर्मचारी अब्दुल जामीद की मदद ली है। सभी सिम पटना कार्यालय से ही एक्टिव कराया गया है। इसमें एयरटेल के सीनियर मैनेजर पुरुषोत्तम की भूमिका भी संदिग्ध है। इस सिम के माध्यम से जावेद हसीबा इन्क्लेव में सिम बॉक्स का संचालन कर रहा है। इसके अलावा अन्य कंपनियों के भी तीन हजार सिम जारी किए गए हैं। स्पेशल ब्रांच की इस सूचना पर एटीएस ने मंगलवार को छापेमारी की।

इंटेलिजेंस की सूचना भी लीक करने की आशंका

स्पेशल ब्रांच ने पुलिस मुख्यालय को बताया था कि एक कंपनी के सात हजार नंबर एक्टिव करना और उसका सिम बॉक्स से संचालन करना इस आशंका को बल देता है कि इसका उपयोग विधि विरुद्ध काम करने के लिए किया जा सकता है। यह भी आशंका जताई थी कि इसके माध्यम से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अरब देशों में बात की जा रही है। संदेश भेजे जा रहे हैं। इंटेलिजेंस की सूचना भी लीक किए जाने की आशंका जताई गई थी। साथ ही एटीएम से फर्जी निकासी और लॉटरी के माध्यम से ठगी जैसे काम करने की भी सूचना थी।

क्या है सिम बॉक्स

इससे कॉल को बायपास किया जाता है। कोई कॉल इंटरकनेक्ट प्रोवाइडर से पब्लिक लैंड मोबाइल नेटवर्क होकर इंटरनेशनल गेटवे पर जाता है। इंटरनेशनल कॉल को सिम बॉक्स के जरिए लोकल कॉल में कन्वर्ट किया जाता है। यहां जो सिम बॉक्स पकड़ा गया है, उससे एक साथ 50 हजार लोगों को मैसेज भेजा जा सकता था।

रांची की घटना को तेलंगाना में किया वायरल : स्पेशल ब्रांच को सूचना मिली थी कि बड़गाई की घटना का एक ऑडियो मैसेज टीपू सुल्तान सेना, पीसीपाली मैसूर के वॉट्सएप ग्रुप द्वारा तेलंगाना में वायरल किया गया था। यह इसी सिम बॉक्स से हुआ था।

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