हिन्दू राष्ट्र का पहला युद्ध वैचारिक है । यदि हमारी पीढ़ी धर्मनिष्ठ नहीं बनी, तो आने वाले समय में हिन्दू पराजित हो जाएंगे । पूरी दुनिया में सनातन धर्म के अस्तित्व के लिए हिन्दू राष्ट्र का लक्ष्य पूरा करना ही होगा । इसलिए हिन्दू राष्ट्र के लिए प्रयासरत कार्यकर्ता के समर्थन में खड़े रहें । जाति का अहं न रखते हुए हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए लोकतांत्रिक-वैचारिक संघर्ष के लिए सिद्ध हो जाएं । इसके पश्चात हिन्दूओं का परम वैभव निश्चित है, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू इकोसिस्टम के संस्थापक श्री. कपिल मिश्रा जी ने किया । इस समय मंच पर द लीगल हिन्दू के संस्थापक श्री. समीर चाकू जी उपस्थित थे ।
वे दिल्ली के कालकाजी स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर (सनातन धर्म मंदिर) में आयोजित ‘उत्तर भारत हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के द्वितीय दिवस को संबोधित कर रहे थे । इस अधिवेशन में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, देहली, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश आदि 8 राज्यों से विभिन्न हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के पदाधिकारी, मंदिर विश्वस्त, अधिवक्ता, विचारक सहभागी हुए ।
इस समय विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. विनोद बंसल जी ने बताया की, आज ‘चादर और फादर’ के द्वारा हिन्दू धर्म पर लगातार आक्रमण हो रहे हैं । इनके द्वारा पुनः देश का विभाजन ना हो, इसलिए समाज को संकल्पित होना होगा । हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ जी ने कहा, आगामी भीषण आपत्काल में हमारी रक्षा के लिए साधना बढाकर हमें र्इश्वर का भक्त बनना होगा । सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस जी ने बताया, संविधान में अवैध रीति से अंतर्भूत किए गये ‘सेक्युलर’ शब्द की व्याख्या न होने के कारण वह हिंदू राष्ट्र में बाधा है और इसे संवैधानिक प्रक्रिया से हटाने के लिए सड़क (आंदोलन), संसद तथा सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कार्य करें । निमित्तेकम संगठन के अध्यक्ष श्री. जय आहुजा जी ने कहा कि, पाकिस्तानी हिन्दू आज नरक यातनाएं सह रहे हैं । भारत के हिन्दू समाज की ओर वो आशा से देख रहे हैं । ‘CAA’ कानून को त्वरित लागू कर के उन्हे अत्याचारों से मुक्त करना आवश्यक है ।
अधिवेशन के समापन उद्बोधन में हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे जी ने कहा की, हिन्दू राष्ट्र के लिए समविचारी हिन्दू शक्तियों को जोडकर हमें अपने क्षेत्र के मंदिर, गोमाता, हिन्दू इन्हे सुरक्षित करने का संकल्प करना होगा । हिन्दू राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त करने के लिए समर्पित भाव से कार्य करें । काल प्रवाह हिन्दू राष्ट्र के अनुकूल है, बस हमें हिन्दू राष्ट्र का विचार हर हिन्दुओं में पहुंचाने का संकल्प करना है । ‘महाराणा’ पुस्तक के लेखक डॉ. ओमेंद्र रत्नू जी ने कहा कि, हिन्दू राजाओं के वीरतापूर्ण इतिहास को सभी के समक्ष रखकर और कायरता धर्म रक्षा के लिए आगे आना होगा ।
इस अधिवेशन में ‘हिंदू राष्ट्र एवं पत्रकारिता’ इस विषय पर विशेष संवाद का आयोजन हुआ । साथ ही हिन्दू राष्ट्र संसद सत्र में सभापति के रूप में ज्ञानम फाउंडेशन के संस्थापक महंत दीपक गोस्वामी जी एवं उपसभापति के रूप में सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने इस संसद का संचालन किया । अलग अलग प्रांतों से आए धर्मनिष्ठों ने अपने प्रस्ताव इस संसद में रखे । यह प्रस्ताव आगे जनप्रतिनिधियों को भेजे जाएंगे ।
कैप्शन : हिंदू इकोसिस्टम के संस्थापक अध्यक्ष श्री. कपिल मिश्रा (वक्तव्य देते हुए), मंच पर (बाएं से) श्री. समीर चाकू एवं श्री. चेतन राजहंस
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