लालू यादव की जमानत याचिका को राँची उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अप्रेश सिंह ने खारिज करके ,तेजस्वी और राजद द्वारा नीतीश सरकार को तोड़ कर महा गठबंधन की सरकार बनाने के रचे जा षड्यंत्र को एक और करारा झटका दे दिया है।
तीन मुकदमों में पहले ही जमानत पा चुके लालू दिन रात , झारखंड सरकार द्वारा मिल रही विशेष रियायत ,सुख सुविधा , मोबाइल टीवी आदि के बल पर पहले विधानसभा चुनाव की सारी देख रेख , टिकटों का बंटवारा ,सरकार बनने की सूरत में मंत्रियों के नाम और विभाग और हार जाने की स्थिति में विपक्षी विधायकों को प्रलोभन घूस आदि देकर सरकार गिराने का सारा षड्यंत्र लगातार रच रहे हैं।
हाल ही में लालू द्वारा जीतन राम मांझी की पार्टी के विधायक मुकेश साहनी और MIM के विधायक को तेजस्वी की सरकार बनाने में मदद करने की खबरें समाचार जगत में आई थीं। लालू ने इससे भी आगे जाकर भाजपा विधायक ललन पासवान को फोन करके नीतीश सरकार को गिराने के लिए मंत्री पद का लालच दिया , इसका ऑडियो वायरल हुआ और लालू पर मुकदमा दायर कर दिया गया है।
झारखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता अनुरंजन अभिषेक सिंह ने भी एक याचिका लालू को झारखंड सरकार द्वारा दी जा रही अनुचित सुविधाओं की उच्च स्तरीय जाँच के लिए दायर कर दी है , साबित होते ही लालू अपने अपराधी सांसद शहाबुद्दीन की तरह झारखंड से सीधा दिल्ली के तिहाड़ स्थानांतरित किये जा सकते हैं।
हेमंत सोरेन की सरकार पर भी आरोप लगाते हुए याचिका में बताया गया है की कैसे हेमंत सरकार ने महागठबंधन में लालू के प्रभाव और अपनी सरकार में राजद के एकमात्र विधायक और सरकार में मंत्री सत्यानंद भोक्ता को खोकर लालू की नाराज़गी नहीं मोल लेना चाहते थे। इसलिए लालू यादव को रिम्स जेल से सीधा केलि बंगले में स्थानांतरित कर ये सारी सुविधाएं मुहैया कराई गईं।
लालू यहाँ न सिर्फ रोज़ अपना दरबार लगाते हैं बल्कि , चुनाव के दिनों में यह बँगला तब राजद का पार्टी मुख्यालय जैसा बन गया था जब लालू टिकट लेने के लिए गए एक एक विधायक से पूरा मोल भाव करके यह भी पूछते थे कि “चुनाव जीतने के लिए उसके पास कौन से गुंडे ,अपराधी का साथ मिला हुआ है ” . इतना ही नहीं चुनावों के दौरान बैनर पोस्टर पर लालू मंडली का नाम फोटो आदि के इस्तेमाल की मनाही भी लालू के इशारे पर ही की गई थी ताकि विपक्ष उनके जंगल राज को मुद्दा न बना सके।
भाजपा की प्रदेश ईकाई ने बार बार आगाह किया है कि , लालू अपने अपराध माफिया के दम पर और हेमंत सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं के सहारे लगातार बिहार सरकार को गिराने का षड्यंत्र कर रहे हैं इसलिए इनकी एक एक गतिविधि पर नज़र बनाए रखना जरूरी है।
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